– तंत्रोक्त देवी साधना से बाधा नाश
गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों तक प्रतिदिन रात्रि के समय दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें. विशेष रूप से “काली”, “तारा”, “छिन्नमस्ता” जैसे दस महाविद्याओं की उपासना इस समय अत्यंत फलदायी मानी जाती है. इससे जीवन की अदृश्य बाधाएं दूर होती हैं और आत्मिक बल की प्राप्ति होती है.
– अघोरी साधना से नेगेटिव एनर्जी से मुक्ति
जो लोग बार-बार बुरी नजर, तंत्र बाधा या शत्रु दोष से पीड़ित रहते हैं, वे गुप्त नवरात्रि में ‘अघोर मंत्र’ या ‘महाकाली मंत्र’ का जाप करें. इसके लिए काली माता के समक्ष दीपक जलाकर तिल के तेल से आरती करें और 108 बार “ओम क्रीं कालिकायै नमः” मंत्र का जाप करें। यह उपाय नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है.
– आर्थिक समस्याओं के लिए विशेष पूजन
यदि आप लगातार धन हानि, ऋण या आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, तो गुप्त नवरात्रि के समय माता लक्ष्मी के ‘श्रीसूक्त’ का पाठ करें और शुक्रवार को चांदी या तांबे के पात्र में कमलगट्टे अर्पित करें. साथ ही माता को गुलाब या कमल का पुष्प अर्पित करें. यह उपाय दरिद्रता और आर्थिक संकट से मुक्ति दिलाता है.
– पारिवारिक कलह और वैवाहिक जीवन में शांति हेतु
यदि परिवार में कलह या वैवाहिक जीवन में तनाव चल रहा है, तो नवदुर्गा के प्रत्येक रूप का क्रमशः पूजन करें और रात्रि में गाय के घी का दीपक जलाकर “ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का 108 बार जाप करें. यह मंत्र पारिवारिक सौहार्द को बढ़ाता है.
– विशेष रक्षा यंत्र की स्थापना
गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक या विद्वान ब्राह्मण से “दुर्गा बीज यंत्र” अथवा “महाकाली यंत्र” की प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर घर के पूजन स्थान में स्थापित करें. इससे घर में स्थायी रूप से नेगेटिव एनर्जी का नाश होता है और देवी कृपा बनी रहती है.
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि एक अत्यंत शक्तिशाली और रहस्यमयी समय है, जब आप अपनी साधना, भक्ति और सही उपायों के माध्यम से जीवन के समस्त संकटों से मुक्ति पा सकते हैं. श्रद्धा, संयम और विश्वास के साथ किए गए ये उपाय निश्चित रूप से शुभ फल देंगे.