Ashadha Gupt Navratri 2025 इस दिन से शुरू, ऐसे मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद

Ashadha Gupt Navratri 2025: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 का आरंभ जल्द होने जा रहा है. इस नौ दिवसीय साधना काल में मां दुर्गा और दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से पूजा की जाती है. विधिपूर्वक आराधना करने से साधकों को विशेष सिद्धि और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

By Shaurya Punj | June 17, 2025 1:15 PM
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Ashadha Gupt Navratri 2025: हिंदू धर्म में वर्षभर में कुल चार नवरात्रि मनाई जाती हैं—चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ-साथ दस महाविद्याओं की गोपनीय विधि से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इससे साधक के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. वर्तमान में आषाढ़ मास की शुरुआत हो चुकी है, और इसी माह में गुप्त नवरात्रि का शुभ पर्व भी आता है.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब से शुरु

इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून 2025 से हो रही है और इसका समापन 4 जुलाई 2025 को होगा. इन नौ दिवसीय गुप्त नवरात्रों में साधक मां दुर्गा और दस महाविद्याओं की आराधना कर विशेष फल की प्राप्ति करते हैं.

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गुप्त नवरात्रि में इनकी होगी पूजा

गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की विशेष रूप से पूजा की जाती है. पहले दिन मां काली, दूसरे दिन मां तारा, तीसरे दिन मां त्रिपुर सुंदरी, चौथे दिन मां भुवनेश्वरी, पांचवे दिन मां छिन्नमस्तिका, छठे दिन मां त्रिपुर भैरवी, सातवें दिन मां धूमावती, आठवें दिन मां बगलामुखी, नौवें दिन मां मातंगी और दसवें दिन मां कमला की आराधना की जाती है.

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि

इस दिन प्रातः स्नान के बाद पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें और वहां मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. मां को श्रद्धा पूर्वक फूल, अक्षत (चावल) अर्पित करें. फिर धूप व दीप प्रज्वलित करें. मन ही मन मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और श्रद्धा से दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. अंत में मां की आरती कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.

गुप्त नवरात्रि की तिथियां

  • प्रतिपदा तिथि- घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा
  • द्वितीया तिथि – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • तृतीया तिथि – मां चंद्रघंटा की पूजा
  • चतुर्थी तिथि – मां कूष्मांडा की पूजा
  • पंचमी तिथि – मां स्कंदमाता की पूजा
  • षष्ठी तिथि – मां कात्यायनी की पूजा
  • सप्तमी तिथि – मां कालरात्रि की पूजा
  • अष्टमी तिथि – मां महागौरी की पूजा
  • नवमी तिथि – मां सिद्धिदात्री की पूजा
  • दशमी- नवरात्रि का पारण
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