Astro Tips For Health : बीमारी में विदेशी दवाईयों ने भी छोड़ दिया है साथ, जानें अहम कारण
Astro Tips For Health : ये उपाय पूर्ण श्रद्धा और नियम से किए जाएं तो स्वास्थ्य में अवश्य सुधार आता है और जीवन फिर से संतुलन में लौट सकता है.
By Ashi Goyal | May 19, 2025 11:43 PM
Astro Tips For Health : आज के समय में चिकित्सा विज्ञान ने जितनी तरक्की की है, उतनी ही तेजी से कुछ बीमारि भी जटिल होती जा रही हैं. कई बार ऐसा होता है कि महंगी विदेशी दवाइयां और आधुनिक इलाज भी शरीर पर असर नहीं करते. जब इलाज के सारे दरवाज़े बंद हो जाते हैं, तब ज्योतिषीय उपाय एक आशा की किरण बनकर सामने आते हैं. हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे जीवन में ग्रहों की स्थिति हमारे स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करती है. कुछ विशेष उपाय करके इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है:-
– सूर्य को जल अर्पित करें
सूर्य ग्रह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और जीवन शक्ति का प्रतीक है. प्रतिदिन सुबह खाली पेट तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और रोली डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. साथ ही “ओम् घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें. इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और पुरानी बीमारियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं.
– हनुमान जी की आराधना करें
मंगल ग्रह यदि अशुभ हो, तो शरीर में रक्त विकार, बुखार और सूजन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं. हनुमान जी मंगल के अधिपति हैं. मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें, हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और बजरंग बाण का जाप करें। यह उपाय विशेष रूप से शारीरिक दुर्बलता और असाध्य रोगों में लाभ देता है.
– नीलमणि या पुखराज धारण करने से पहले कुंडली दिखाएं
कई बार व्यक्ति गलत रत्न पहन लेता है, जिससे बीमारियाँ और बढ़ जाती हैं. यदि शनि या गुरु ग्रह के कारण बीमारी हो रही हो, तो योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर नीलमणि (नीलम) या पुखराज पहनना स्वास्थ्य सुधार में मदद कर सकता है. लेकिन बिना सलाह के रत्न धारण न करें.
– सात प्रकार के अनाज का दान करें
बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए शनिवार को सात प्रकार के अनाज—गेहूं, चना, मूंग, उड़द, जौ, मक्का और तिल—काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें. यह उपाय शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करता है और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है.
– रुद्राभिषेक कराएं
भगवान शिव को वैद्यराज यानी देवताओं के भी चिकित्सक कहा गया है. सोमवार के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद, बेलपत्र और गंगाजल से रुद्राभिषेक करें. साथ में “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें: “ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” यह मंत्र विशेष रूप से जीवन के संकट, रोग और मृत्यु से रक्षा करता है.
जब दवाइयां असर न करें, तब ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से ग्रहों के दोष को शांत करके रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है. ये उपाय पूर्ण श्रद्धा और नियम से किए जाएं तो स्वास्थ्य में अवश्य सुधार आता है और जीवन फिर से संतुलन में लौट सकता है.