Bhadrapad Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. इस दिन विधि-विधान के साथ शिव-शक्ति की पूजा की जाती है. आज 31 अगस्त के दिन ये व्रत रखा जा रहा है. यहां से जानें भाद्रपद मास के पहले यानी शनि प्रदोष का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र…
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Bhadrapad Shani Pradosh Vrat 2024: भाद्रपद माह का पहला शनि प्रदोष व्रत कल, जानें क्या है शुभ मुहूर्त
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भाद्रपद माह के पहले प्रदोष व्रत का शुभ मुहू्र्त क्या है ?
भादो माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त को देर रात 2 बजकर 25 मिनट पर शुरू हो चुकी है. इसका समापन 1 सितंबर को देर रात 3 बजकर 40 मिनट पर होगा.
भाद्रपद माह के पहले प्रदोष व्रत में बन रहे शुभ योग
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत में कई शुभ योग और नक्षत्र बन रहे हैं। यहां से जानें
परिघ योग: शाम 05:39 बजे से अगले दिन शाम 05:50 बजे तक है
पुष्य नक्षत्र: 30 अगस्त को शाम 05:55 से अगस्त 31 को शाम 07:39 तक है
प्रदोष व्रत के मंत्र
‘ॐ नम: शिवाय’ अथवा शिव का विशेष मंत्र – ‘शिवाय नम:’ का कम से कम 108 बार जप करें
प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्या है ?
आज 31 अगस्त 2024 को शनि प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करें. यदि आपने प्रात:काल स्नान किया था तो भी दोबारा सायंकाल पूजा से पहले स्नान फिर से करें और उसके बाद शिव पूजा प्रारंभ करें. प्रदोष काल में भगवान शिव का षोडशोपचार तरीके से पूजन और प्रदोष व्रत की कथा कहने के बाद भगवान भोलेनाथ की आरती करें और उसके बाद सभी को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें.
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