Bridal Mehndi Design : दुल्हन को भूलकर भी हाथ में नहीं बनवाने चाहिए ये डिजाइन, पड़ता है गलत असर
Bridal Mehndi Design : विवाह एक पवित्र और धार्मिक संस्कार है. ऐसे में मेहंदी का चयन करते समय केवल फैशन ही नहीं, धार्मिक भावनाओं और परंपराओं का भी ध्यान रखना चाहिए.
By Ashi Goyal | June 1, 2025 11:25 PM
Bridal Mehndi Design : भारतीय संस्कृति में मेहंदी को शुभता, प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. विशेष रूप से दुल्हन के लिए यह एक विशेष रस्म होती है, जो विवाह की पवित्रता और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है. लेकिन कई बार फैशन के चलते कुछ ऐसी डिज़ाइन चुन ली जाती हैं, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अनुचित मानी जाती हैं. आइए जानते हैं ऐसी मेहंदी डिज़ाइनों के बारे में, जिन्हें दुल्हन को हाथ में बनवाने से बचना चाहिए:-
– भगवान या धार्मिक प्रतीकों की आकृति
कई दुल्हनें आजकल मेहंदी में श्रीकृष्ण, गणेश जी या ओम जैसे धार्मिक चिन्ह बनवाती हैं. यह धार्मिक आस्था के खिलाफ माना जाता है क्योंकि हाथों पर मेहंदी बाद में उतर जाती है और कभी-कभी गंदे स्थानों पर भी हाथ लग सकता है. ऐसे में इन पवित्र प्रतीकों का अपमान हो सकता है.
– ज्यादा भूत-प्रेत या तांत्रिक चिन्ह
कई बार डिज़ाइन में अजीबोगरीब आकृतियां बनाई जाती हैं, जो देखने में तो आकर्षक लगती हैं, लेकिन उनके पीछे तांत्रिक या नेगेटिव प्रतीक होते हैं. ऐसे चिन्ह विवाह जैसे शुभ अवसर पर नेगेटिव एनर्जी ला सकते हैं.
– पशु-पक्षियों की भयावह आकृतियां
कुछ आधुनिक मेहंदी डिज़ाइन में सांप, बिच्छू, या अन्य डरावने जीवों की आकृति बनाई जाती है. धार्मिक रूप से यह अशुभ माना जाता है क्योंकि विवाह एक शुभ संस्कार है और इसमें सौम्यता व सुंदरता की अपेक्षा होती है.
– काट-छांट कर बनाए गए मंत्र
कभी-कभी डिजाइनर सुंदरता के लिए संस्कृत श्लोकों या मंत्रों को काट-छांट कर बनाते हैं, जिससे उनका सही अर्थ खो जाता है. धार्मिक दृष्टि से यह अनुचित और पाप का कार्य माना गया है.
– प्रेमी या किसी अन्य का नाम (पति के अलावा)
हिंदू धर्म में विवाह एक पवित्र बंधन है और इसमें पति-पत्नी के बीच निष्ठा का बड़ा महत्व है. ऐसे में यदि दुल्हन अपने पति के नाम की जगह किसी अन्य का नाम या कोई भी अनुचित संदेश मेहंदी में बनवाती है, तो इसे अत्यंत अशुभ और अपवित्र माना जाता है.
विवाह एक पवित्र और धार्मिक संस्कार है. ऐसे में मेहंदी का चयन करते समय केवल फैशन ही नहीं, धार्मिक भावनाओं और परंपराओं का भी ध्यान रखना चाहिए. शुभता और सकारात्मक ऊर्जा को ध्यान में रखते हुए सरल, सुंदर और पारंपरिक मेहंदी डिज़ाइनों को प्राथमिकता देना ही श्रेयस्कर है.