Chaiti Chhath Puja 2024: नहाय-खाय के साथ आज से चैती छठ महापर्व शुरू, जानें शुभ मुहूर्त-आरती और महत्व

Chaiti Chhath Puja 2024: 15 अप्रैल दिन सोमवार की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा. आज पहले दिन छठ व्रती पूरी शुद्धता के साथ कद्दू-भात से नहाय-खाय करेंगे.

By Radheshyam Kushwaha | April 12, 2024 4:16 PM
an image

Chaiti Chhath Puja 2024: चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया. आज 12 अप्रैल दिन शुक्रवार से चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ शुरू हो गया है. महापर्व चैती छठ का आज पहला दिन नहाय-खाय है. 13 अप्रैल दिन शनिवार को खरना होगा. वहीं 14 अप्रैल दिन रविवार को शाम के समय अर्घ्य दिया जाएगा. 15 अप्रैल दिन सोमवार की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा. आज पहले दिन छठ व्रती पूरी शुद्धता के साथ कद्दू-भात से नहाय-खाय करेंगे. छठ व्रती गंगा स्नान कर घरों में गंगाजल लाकर पूजन करने के बाद अरवा चावल, सेंधा नमक, चने की दाल, लौकी की सब्जी, आंवला की चटनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगे.

36 घंटे निर्जला उपवास का संकल्‍प आज

आज नहाय-खाय के साथ 36 घंटे निर्जला उपवास का संकल्प व्रती लेंगे. आज रोहिणी नक्षत्र व आयुष्मान योग में नहाय-खाय की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. 13 अप्रैल शनिवार को मृगशिरा नक्षत्र व शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहार रहकर शाम में खरना पूजा कर गुड़ से बनी खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लिया जाएगा.

किस नक्षत्र में व्रती देंगी डूबते सूर्य को अर्घ्य

छठ व्रती 14 अप्रैल दिन रविवार को आर्द्रा नक्षत्र में डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी. वहीं, 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पारण कर चार दिवसीय महापर्व को पूर्ण करेंगी. धार्मिक मान्यता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है. इसके साथ ही ये व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं वो छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति कर सकते हैं.

Chaiti Chhath: नहाय-खाय के साथ चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू

चैती छठ महापर्व एक नजर…
12 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार को नहाय-खाय
13 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को खरना
14 अप्रैल 2024 दिन रविवार को सायंकालीन अर्घ्य
15 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को उदयकालीन अर्घ्य व पारण

छठी मईया की आरती

जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version