Chaitra Navratri 2025 Day 7 Maha Saptami Maa Kalratri: नवरात्रि के अवसर पर हर जगह माँ की जय-जयकार सुनाई दे रही है. मंदिरों से लेकर घरों तक माँ की ज्योति प्रज्वलित की जा रही है. कुछ लोग व्रत, तप और ध्यान के माध्यम से मां को प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि अन्य मां के विभिन्न स्वरूपों की उपासना कर रहे हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के सातवें दिन, यानी आज चार अप्रैल को मां के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जा रही है. माता कालरात्रि की आराधना करने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
मां कालरात्रि पूजा विधि
कलश पूजन के बाद, माता के समक्ष दीप जलाकर रोली, अक्षत, फल, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. इस दिन मां दुर्गा के साथ देवी कालरात्रि के स्वरूप का मन में ध्यान करें. देवी को लाल पुष्प विशेष रूप से प्रिय होते हैं, इसलिए गुड़हल या गुलाब के फूल अर्पित करने से माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं. माता को गुड़ का भोग अर्पित करें. इसके बाद धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित कर मां का ध्यान करें और मां काली के ध्यान मंत्र का उच्चारण करें.
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मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के उपाय
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें. सबसे पहले मां कालरात्रि के समक्ष दीप जलाएं और अक्षत, रोली, फूल, फल आदि का मंत्रोच्चारण करते हुए अर्पित करें. मां कालरात्रि को लाल रंग के फूल विशेष रूप से पसंद हैं, इसलिए पूजा में गुड़हल या गुलाब के फूल अर्पित करें. इसके बाद दीपक और कपूर जलाकर मां कालरात्रि की आरती करें और लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें. अंत में, मां कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित करें और गुड़ का दान भी करें. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
मां कालरात्रि का प्रिय भोग
कालरात्रि को गुड़ बहुत प्रिय है. मान्यता है कि नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा में मां को गुड़ या उससे बनी मिठाइयों का भोग लगाने से वह अत्यंत प्रसन्न होती हैं.