Chaitra Navratri 2025 Shubh Yog: शास्त्रों में माता के इस स्वरूप को भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना गया है. विशेष रूप से, चैत्र नवरात्र के पहले दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस समय घटस्थापना आपके लिए अत्यंत लाभकारी और उन्नति देने वाली सिद्ध हो सकती है. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से नया हिंदू वर्ष आरंभ होता है. आपको सूचित किया जाता है कि चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ हो रही है. इस बार नवरात्रि के पहले दिन एक विशेष संयोग उत्पन्न हो रहा है. यह माना जाता है कि इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होंगे. आइए, जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि के दौरान कौन सा संयोग बन रहा है…
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कौन सा योग बन रहा है
30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का आरंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है. यह योग शाम 4:35 बजे से अगले दिन सुबह 6:12 बजे तक प्रभावी रहेगा. इसके अतिरिक्त, इस दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र भी उपस्थित हैं.
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तिथि का क्षय होने से 8 दिन की नवरात्रि
इस वर्ष, नवरात्रि 30 मार्च को शुरू होती है और आठ दिनों तक चलती है. विभिन्न पंचांग तिथियों की गणना विभिन्न तरीकों से करते हैं, इसलिए कुछ त्रितीया जोड़ते हैं, कुछ द्वितीया जोड़ते हैं, जबकि कुछ त्रितीया और चतुर्थी जोड़ते हैं. इस प्रकार, यह प्रतीत होता है कि सभी ने तिथियों की गणना के लिए विभिन्न विधियों का उपयोग किया है और प्रत्येक विधि से एक प्रभाव प्रदान किया गया है.’
लेकिन सभी गणनाओं के भिन्नताओं को स्वीकार करने के बाद, पर्व 8 दिनों की सीमा में रहेगा. इस दृष्टिकोण से, सभी संयोजन मिलकर एक प्रिज्म बनाते हैं. अंतिम परिणाम हमेशा तिकड़ी के रूप में रहेगा.
चैत्र नवरात्रि उत्सव की तिथियां हैं
- 30 मार्च- नवरात्रि प्रतिपदा- मां शैलपुत्री की पूजा और घट स्थापना
- 31 मार्च- नवरात्रि द्वितीया- मा ब्रह्मचारिणी की पूजा और त्रितीया- मां चंद्रघंटा की पूजा
- 01 अप्रैल- नवरात्रि चतुर्थी- मां कुशमंडा की पूजा
- 02 अप्रैल- नवरात्रि पंचमी- मां स्कंदमाता की पूजा
- 03 अप्रैल- नवरात्रि शष्ठी- मां कात्यायनी की पूजा
- 04 अप्रैल- नवरात्रि सप्तमी- मां कालरात्रि की पूजा
- 05 अप्रैल- नवरात्रि अष्टमी- मां महागौरी की पूजा
- 06 अप्रैल- नवरात्रि नवमी- मां सिद्धिदात्री की पूजा, राम नवमी