कल से शुरू हो रहा चैत्र नवरात्रि 2025, जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि
Chaitra Navratri First Day 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का उत्सव मां दुर्गा को समर्पित है। इस पर्व के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है. इस वर्ष एक तिथि के क्षय के कारण नवरात्रि 9 दिनों के बजाय 8 दिनों तक मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि का आरंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है.
By Shaurya Punj | March 29, 2025 11:05 AM
Chaitra Navratri First Day 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 का आरंभ एक शुभ मुहूर्त में 9 दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा से होता है. नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. मां शैलपुत्री पर्वतों के राजा हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं और उन्हें नंदी पर सवार, त्रिशूल धारण किए हुए देवी के रूप में पूजा जाता है.
मां शैलपुत्री की पूजा की विधि
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें.
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें.
कलश की स्थापना करें, जिसमें जल, आम के पत्ते और नारियल रखें.
मां शैलपुत्री को लाल या सफेद फूल, अक्षत, रोली, चंदन और धूप-दीप अर्पित करें.
भोग में शुद्ध घी से बनी मिठाई या गाय के घी का उपयोग करें.
अंत में मां की आरती करें और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
मंत्र
मां शैलपुत्री की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप करें: “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः“
इस मंत्र का जाप करने से जीवन में स्थिरता, मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है.
भोग
मां शैलपुत्री को घी से बने व्यंजन अत्यधिक प्रिय होते हैं. यह मान्यता है कि घी का भोग अर्पित करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग लाल होता है. यह रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. इस दिन लाल वस्त्र पहनने से सकारात्मकता में वृद्धि होती है और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है.
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र और भोग का विशेष महत्व है. सही विधि से पूजा करने पर मां की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और आत्मबल की प्राप्ति होती है.