Chhath Puja 2024 Nahay Khaaye: छठ नहाए खाए से इसलिए होती है की कद्दू भात से शुरूआत, जानें कारण
Chhath Puja 2024: छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से हो चुकी है.इस दिन कद्दू भात खाने की परंपरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन कद्दू भात का सेवन क्यों किया जाता है और इसके लाभ क्या हैं?
By Shaurya Punj | November 5, 2024 11:12 AM
Chhath Puja 2024 Nahay Khaaye: इस चार दिवसीय पर्व के पहले दिन नहाय-खाय की प्रक्रिया का आयोजन किया जाता है. आज 5 नवंबर 2024 को इस पर्व की शुरूआत हो चुकी है. इस दिन छठ व्रत करने वाली महिलाएं किसी भी नदी, तालाब या अन्य पवित्र जलाशयों में स्नान करके छठ पूजा की शुरुआत करती हैं. इस दिन कद्दू भात का प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसे ग्रहण करके ही छठ व्रत का आरंभ होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि छठ पूजा में कद्दू चढ़ाने का कारण क्या है और इसके अनेक लाभ क्या हैं?
नहाय-खाय के दिन कद्दू भात का सेवन करने की परंपरा है. यह मान्यता है कि इस व्रत की शुरुआत कद्दू भात के बिना नहीं हो सकती. इस अवसर पर लहसुन और प्याज के बिना कद्दू, लौकी की सब्जी और चना दाल के साथ चावल बनाने का विधान है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कद्दू का चयन क्यों किया जाता है? वास्तव में, यह माना जाता है कि व्रती के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए छठ के पहले दिन कद्दू, लौकी की सब्जी और चना दाल का सेवन करना चाहिए. यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है.
कद्दू में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं?
कद्दू में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन A, E और C की प्रचुरता होती है. इसके साथ ही, इसमें फैटी एसिड भी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है. यह एक उत्कृष्ट इम्युनिटी बूस्टर भी है.
यह महापर्व चार दिनों तक चलेगा
छठ पूजा की शुरुआत आज, जिसे नहाय-खाय कहा जाता है, से हो चुकी है. आज व्रती शुद्धता का पालन करते हुए लौकी की सब्जी, चने की दाल और भात का सेवन कर निर्जला उपवास की शुरुआत करेंगी. इसके पश्चात 6 नवंबर तारीख को खरना, 7 नवंबर को सायंकालीन अर्घ्यदान और 8 नवंबर को प्रातःकालीन अर्घ्य के बाद पारण होगा. इसी के साथ इस महापर्व का समापन भी होगा.