Dhanteras 2024: धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है, जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं. इस दिन का सीधा संबंध मृत्यु के देवता यमराज से है और मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता.
Bhaum Pradosh Vrat 2024: भौम प्रदोष के साथ कल मनाया जाएगा धनतेरस, होगा धन का लाभ
दीपदान का महत्व
धनतेरस के दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए घर के बाहर दीप जलाने की परंपरा है. पद्म पुराण के अनुसार, कार्तिक के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर यमराज के लिए दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. दीप जलाते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए:
“मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यजः प्रीयतामिति”
इसका अर्थ है कि मृत्यु, पाशधारी काल और उनकी पत्नी के साथ सूर्यनंदन यमराज त्रयोदशी पर दीप देने से प्रसन्न हों.
नरक चतुर्दशी का स्नान
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को चंद्र उदय के समय नरक के भय से मुक्ति के लिए स्नान करने का विधान है. इस दिन प्रातःकाल स्नान करने से यमलोक का दर्शन नहीं करना पड़ता.
दीपदान की कथा
एक प्राचीन कथा के अनुसार, राजा हेम के पुत्र के जन्म के छठे दिन उसकी अकाल मृत्यु की भविष्यवाणी हुई थी. राजा हंस ने इसे रोकने के लिए उस बच्चे को गुफा में छिपा दिया, लेकिन यमदूतों ने उसके प्राण हर लिए. इस घटना से यमदूतों को दुःख हुआ और उन्होंने यमराज से ऐसी दुर्घटनाओं से बचने का उपाय पूछा. तब यमराज ने धनतेरस पर दीपदान का महत्व बताया, जिससे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता.
कुबेर और धन्वंतरि की पूजा
धनतेरस के दिन कुबेर और धनवंतरि की भी पूजा की जाती है, जो धन और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं. हालांकि इसका विवरण प्राचीन ग्रंथों में नहीं मिलता, लेकिन पुरानी परंपरा का अनुसरण करते हुए इनकी पूजा करना शुभ माना गया है.
Also Read: धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना, घर में नहीं होगी पैसों की कमी, जानें अपने शहर का टाइम-टेबल
Also Read: Kuber Ji ki Aarti: धनतेरस पर करें श्री कुबेर जी की आरती, खुल जाएंगे किस्मत के ताले
नए बर्तन खरीदने की परंपरा
इस दिन नए बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है. लोगों का मानना है कि धनतेरस पर बर्तन खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है.
क्यों जरूरी है यम दीप?
धनतेरस पर घर के बाहर दीप जलाकर यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. इसलिए इस दिन यम दीप जलाना न भूलें, ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
Rakshabandhan 2025: राखी बंधवाते समय भाई को किस दिशा में बैठाना शुभ, रक्षाबंधन पर अपनाएं ये वास्तु टिप्स
Sawan Pradosh Vrat 2025: श्रावण मास का अंतिम प्रदोष व्रत आज, इस विधि से करें पूजा
Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर इस बार 95 सालों बाद बन रहा है दुर्लभ योग, मिलेगा दोगुना फल
Aaj Ka Panchang: आज 6 अगस्त 2025 का ये है पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और अशुभ समय की पूरी जानकारी