Foods To avoid during Sawan: सावन में भूलकर भी न खाएं ये चीजें, वरना हो सकता है धार्मिक दोष

Foods to Avoid During Sawan: सावन का महीना आध्यात्मिक साधना, व्रत और भगवान शिव की आराधना के लिए बेहद पावन माना जाता है. इस दौरान कुछ खास चीजों के सेवन से धार्मिक दृष्टि से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इन्हें खाने से पूजा-पाठ में दोष लग सकता है और साधना में विघ्न आ सकता है.

By Shaurya Punj | July 15, 2025 10:50 AM
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Foods To avoid during Sawan: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आत्मिक शुद्धि का विशेष समय माना जाता है. इस पूरे माह में लोग व्रत रखते हैं, मंत्र जाप करते हैं और संयमित जीवनशैली अपनाते हैं. यही कारण है कि इस पवित्र समय में भोजन को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जाती है. धार्मिक शास्त्रों और आयुर्वेद दोनों ही कुछ खाद्य वस्तुओं के सेवन को सावन में वर्जित मानते हैं. आइए जानते हैं किन चीजों से इस माह में परहेज करना चाहिए और इसके पीछे क्या धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं.

सादा नमक का परहेज

सावन के व्रतों में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सादा नमक मानसिक अस्थिरता और चंचलता बढ़ाता है, जो व्रत की शुद्धता को प्रभावित कर सकता है. वहीं, सेंधा नमक को सात्विक और व्रत के योग्य माना गया है.

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हरी पत्तेदार सब्जियों से दूरी

पालक, मेथी और बथुआ जैसी हरी सब्जियाँ इस मौसम में संक्रमण और कीटाणुओं का शिकार हो सकती हैं. धार्मिक रूप से इन्हें तामसिक और साधना में बाधा उत्पन्न करने वाला माना गया है. इसलिए सावन में इनसे परहेज की सलाह दी जाती है.

मांसाहार का निषेध

सावन शिव भक्ति, संयम और शुद्धता का प्रतीक है. इस महीने में मांस, मछली और अंडा जैसे मांसाहारी पदार्थों का सेवन वर्जित है. यह न केवल आध्यात्मिक शुद्धता बनाए रखने के लिए जरूरी है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी है.

लहसुन और प्याज का त्याग

लहसुन और प्याज को तामसिक गुण वाला माना जाता है, जो ध्यान और भक्ति में एकाग्रता में बाधा डालते हैं. इसलिए व्रत, पूजा या ध्यान के दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिए.

दही और ताजे दुग्ध उत्पाद

मान्यता है कि सावन में दही और दूध से बनी ताजगी वाली चीजें जैसे पनीर या मलाई जल्दी खराब हो सकती हैं और पाचन को प्रभावित कर सकती हैं. साथ ही, दही कफ और वात को बढ़ा सकता है, जिससे रोग होने की संभावना बढ़ जाती है.

सावन में आहार को लेकर जो नियम और संयम बताए गए हैं, वे केवल धार्मिक मान्यताओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी उचित हैं. सात्विक और शुद्ध भोजन शरीर को स्वस्थ और मन को शांत बनाए रखता है, जिससे शिव भक्ति और साधना में पूरी श्रद्धा से मन लग सके.

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