आज रखा जा रहा है गुरु प्रदोष व्रत, नोट करें शुभ मुहूर्त

Guru Pradosh Vrat 2025: आज यानी गुरुवार, 10 अप्रैल को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जा रहा है. चूंकि यह दिन गुरुवार है, इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जा सकता है. यदि आप आज शिवजी के लिए व्रत करने का विचार कर रहे हैं, तो आपको पूजा के लिए शुभ समय को ध्यान में रखना चाहिए. आइए इस विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करें.

By Shaurya Punj | April 10, 2025 7:35 AM
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Guru Pradosh Vrat 2025: दैनिक पंचांग के अनुसार, आज 10 अप्रैल 2025 को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और आज प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाएगा, जो भगवान शिव को समर्पित है. यह माना जाता है कि पूजा-पाठ के दौरान देवी-देवताओं को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं. यदि आप अप्रैल के पहले गुरु प्रदोष व्रत पर शिव जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो विधिपूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करें और शिव जी के प्रिय भोग अवश्य अर्पित करें.

प्रदोष व्रत तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 09 अप्रैल 2025 को रात 10:55 बजे शुरू हो चुकी है और 11 अप्रैल 2025 को सुबह 01:00 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 10 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है.

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शिव पूजन मुहूर्त

प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में विशेष रूप से शुभ मानी जाती है. गुरु प्रदोष व्रत पर शिव पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06:44 बजे से रात 08:59 बजे तक रहेगा. इस समय के दौरान प्रदोष काल सक्रिय है.

गुरु प्रदोष व्रत 2025 की पूजा विधि

  • गुरु प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की पूजा के लिए प्रातः जल्दी उठकर स्वच्छता का ध्यान रखें.
  • सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • अब पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ व्रत का संकल्प लें.
  • वेदी को साफ करें और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें.
  • पूजा में पंचामृत, बिल्व पत्र, सफेद फूल, चंदन का लेप, धूप, दीपक, फल, मिठाई और स्वच्छ जल का उपयोग करें.
  • इसके बाद शिवलिंग को पंचामृत और जल से स्नान कराएं, फिर बेल पत्र और फूल अर्पित करें.
  • पूजा में घी का दीपक जलाएं, शिव आरती करें और नैवेद्य के रूप में मिठाई या फल अर्पित करें.
  • पूजा के दौरान “ओम नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
  • साथ ही पूजा के समय प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें.
  • अंत में क्षमा प्रार्थना करें और परिवार तथा मित्रों के साथ प्रसाद बांटें, साथ ही गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें या भोजन कराएं.

इन बातों का ध्यान अवश्य रखें

प्रदोष व्रत के दिन यह सुनिश्चित करें कि भोग पूरी तरह से सात्विक तरीके से तैयार किया गया हो और उसमें साधारण नमक का उपयोग न किया जाए. स्नान के बाद स्वच्छता का पालन करते हुए प्रसाद तैयार करें और श्रद्धा के साथ शिव जी को अर्पित करें. इन सभी बातों का पालन करने से आपको व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होगा और महादेव की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहेगी.

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