Guru Purnima 2025 पर अपने बुरे संस्कारों का करें दान, भविष्य बनेगा सफल

Guru Purnima 2025 : गुरु पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का महापर्व है. इस दिन अपने दोषों का त्याग कर गुरुचरणों में समर्पित होना ही सच्चा उपहार है.

By Ashi Goyal | July 6, 2025 10:14 PM
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Guru Purnima 2025 : गुरु पूर्णिमा एक पवित्र हिन्दू पर्व है जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. यह दिन गुरु के प्रति श्रद्धा, समर्पण और कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर होता है. 2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी. इस दिन आत्मिक शुद्धि, बुरे विचारों का त्याग और सद्गुणों की प्राप्ति का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा पर बुरे संस्कारों का दान क्यों करें और इसका जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है:-

– गुरु का अर्थ और महत्त्व

धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है – “गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरः”. गुरु केवल शिक्षा देने वाले ही नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाले मार्गदर्शक होते हैं. गुरु हमारे भीतर छिपे अज्ञान को दूर कर आत्मज्ञान की ज्योति प्रज्वलित करते हैं. गुरु पूर्णिमा का दिन आत्मनिरीक्षण का श्रेष्ठ अवसर होता है, जब हम अपने दोषों का विश्लेषण करके उन्हें गुरुचरणों में समर्पित कर सकते हैं.

– बुरे संस्कारों का दान क्यों आवश्यक है?

जैसे हम दान-पुण्य में अन्न, वस्त्र और धन देते हैं, वैसे ही गुरु पूर्णिमा पर अपने भीतर बसे क्रोध, अहंकार, लोभ, ईर्ष्या और आलस्य जैसे बुरे संस्कारों का त्याग करना श्रेष्ठतम दान माना जाता है. जब हम इन नेगेटिव प्रवृत्तियों का दान करते हैं, तब जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, शांति और पॉजिटिविटी का मार्ग खुलता है.

– कैसे करें बुरे संस्कारों का दान?

गुरु के सामने मौन साधकर आत्ममंथन करें.

अपने दोषों को ईमानदारी से स्वीकारें.

जल से भरे पात्र में उन बुरे संस्कारों की कल्पना करें और उसे बहते जल में प्रवाहित करें.

संकल्प लें कि अब इन दोषों से ऊपर उठकर सदाचरण करेंगे.

यह प्रक्रिया प्रतीकात्मक होते हुए भी हमारी चेतना को शुद्ध करती है और अंतर्मन को मजबूत बनाती है.

– गुरु पूर्णिमा पर करें ये विशेष साधना

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

गुरु या ईष्ट देव का पूजन करें.

“ओम गुरवे नमः” मंत्र का जाप 108 बार करें.

जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या शिक्षा-सामग्री का दान करें.

यह साधनाएं आपके जीवन से नकारात्मकता हटाकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगी.

– गुरु की कृपा से बनता है सफल भविष्य

गुरु की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. जब हम अपने दोषों को त्यागते हैं, तब भीतर से हल्कापन आता है और मन सच्चे मार्ग पर अग्रसर होता है. गुरु पूर्णिमा पर बुरे संस्कारों का दान करके हम अपने भविष्य को उज्ज्वल और सफल बना सकते हैं.

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गुरु पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का महापर्व है. इस दिन अपने दोषों का त्याग कर गुरुचरणों में समर्पित होना ही सच्चा उपहार है. इस वर्ष गुरु पूर्णिमा पर बुरे संस्कारों का दान करें और अपने जीवन को नए आयाम दें.

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