Guru Purnima Daan 2025 : गुरु को दान में दें ये चीजें, गुरु पूर्णिमा बनेगा खास

Guru Purnima Daan 2025 : गुरु पूर्णिमा के दिन यदि श्रद्धा भाव से ये वस्तुएं दान की जाएं, तो गुरु कृपा से जीवन में शुभता, ज्ञान और सफलता का प्रकाश फैलता है.

By Ashi Goyal | June 22, 2025 9:27 PM
an image

Guru Purnima Daan 2025 : गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक बेहद पवित्र और शुभ पर्व माना जाता है. यह दिन गुरु के प्रति श्रद्धा, भक्ति और कृतज्ञता प्रकट करने का विशेष अवसर होता है. वेदों और शास्त्रों में भी गुरु का स्थान परमात्मा से भी ऊंचा बताया गया है – “गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरः. गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः” इस दिन गुरु को प्रसन्न करने हेतु विशेष दान-पुण्य का विधान बताया गया है. नीचे दिए गए पांच धार्मिक बिंदुओं में जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा पर कौन-कौन सी चीजें गुरु को दान में देनी चाहिए जिससे यह दिन और भी पुण्यमय बन जाए:-

– पीले वस्त्रों का दान करें

गुरु पूर्णिमा के दिन पीला रंग अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि यह ज्ञान, पवित्रता और समर्पण का प्रतीक होता है. गुरु को पीले वस्त्र जैसे धोती, अंगवस्त्र या कुर्ता दान करना अत्यंत पुण्यदायक होता है. इससे गुरु प्रसन्न होकर अपने शिष्य को आशीर्वाद स्वरूप ज्ञान, शक्ति और सफलता प्रदान करते हैं.

– धार्मिक ग्रंथ या पुस्तकें दान दें

गुरु ज्ञान का स्रोत होते हैं, इसलिए धार्मिक ग्रंथ जैसे भगवद्गीता, उपनिषद, रामायण, या ध्यान साधना की पुस्तकें उन्हें दान करना शुभ होता है. यह दान न केवल गुरु की प्रसन्नता का कारण बनता है बल्कि शिष्य के जीवन में आत्मिक उन्नति लाने वाला होता है.

– सात्विक आहार एवं फल दान करें

गुरु को सात्विक आहार जैसे ताजे फल, सूखे मेवे, और गौ-दुग्ध से बनी मिठाइयां अर्पण करें. यह दान न केवल स्वास्थ्यवर्धक होता है बल्कि इसमें श्रद्धा और सेवा-भावना समाहित होती है. फल, अन्न और मिठाई का दान शास्त्रों में विशेष फलदायक बताया गया है.

– चांदी या ताम्र पात्र का दान

गुरु को जलपान या पूजा हेतु चांदी या ताम्र पात्र (गिलास, लोटा, थाली) देना बेहद शुभ माना गया है. यह दान आयु, सौभाग्य और पुण्य में वृद्धि करता है. चांदी शुद्धता और चंद्रमा की शीतलता का प्रतीक है जो गुरु की शांति और करुणा को प्रकट करता है.

– दक्षिणा के रूप में यथाशक्ति दान

गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा देना शास्त्रीय परंपरा है. यह धन, वस्त्र, अन्न या सोने-चांदी के रूप में हो सकता है. यदि संभव न हो तो नम्रता, सेवा और पूर्ण समर्पण के साथ एक लोटा जल, कुछ फूल और प्रणाम भी सबसे श्रेष्ठ दान माने जाते हैं. गुरु का आशीर्वाद ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है.

यह भी पढ़ें : Guru Purnima 2025 के दिन करें इस सही ठंग से पूजा, बरसेगी स्वयं गुरु की कृपा

यह भी पढ़ें : Ram Name Jaap : “श्री राम से बड़ा है राम का नाम” – आप भी कीजिए रोजाना

यह भी पढ़ें : Vastu Tips : सुबह-सुबह नजरअंदाज करें इन चीजों को, बन सकती है बर्बादी का कारण

गुरु पूर्णिमा के दिन यदि श्रद्धा भाव से ये वस्तुएं दान की जाएं, तो गुरु कृपा से जीवन में शुभता, ज्ञान और सफलता का प्रकाश फैलता है. यह पर्व केवल एक दिन का उत्सव नहीं, अपितु गुरु के प्रति आजीवन समर्पण का प्रतीक है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version