Haryali Teej Vrat 2025: हरियाली तीज पर इन बातों का रखें खास ध्यान, वरना व्रत हो जाएगा व्यर्थ

Haryali Teej Vrat 2025: हरियाली तीज 2025 का व्रत सुहाग और सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है, लेकिन इस व्रत की पूरी सिद्धि तभी मिलती है जब इसकी विधियों का पालन सही ढंग से किया जाए. छोटी-छोटी गलतियां व्रत को निष्फल कर सकती हैं. जानें इस दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखें.

By Shaurya Punj | July 24, 2025 12:51 PM
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Haryali Teej Vrat 2025: सावन का महीना हरियाली, उत्सव और नारी शक्ति की आभा से जगमगाता है. खासतौर पर हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए बहुत खास होता है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं. सजी-धजी महिलाएं, हाथों में मेंहदी और झूलों की रौनक – तीज का दृश्य किसी पर्व से कम नहीं. लेकिन इस व्रत की पवित्रता बनाए रखने के लिए कुछ जरूरी नियमों का पालन भी बहुत ज़रूरी है.

यदि आप भी इस साल 27 जुलाई 2025 (रविवार) को तीज का व्रत करने जा रही हैं, तो इन 7 नियमों को जरूर अपनाएं:

निर्जला व्रत का पालन करें

तीज का व्रत बिना पानी के (निर्जला) रखा जाता है. कई महिलाएं अनजाने में चाय या फल ले लेती हैं, जिससे व्रत टूट सकता है. अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो बिना पानी के व्रत रखें. अस्वस्थ या गर्भवती होने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें.

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व्रत के दिन हरा रंग पहनना शुभ

हरे रंग को हरियाली और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. काले और सफेद रंग से बचें और हरा, लाल या पीला रंग पहनें.

सोलह श्रृंगार है जरूरी

बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर और मेंहदी जैसी सुहाग की निशानियों के बिना तीज का व्रत अधूरा माना जाता है.

नुकीली चीजों से परहेज करें

सुई-कैंची जैसी चीजोंका उपयोग न करें. तुलसी के पत्ते भी न तोड़ें, क्योंकि इससे देवी लक्ष्मी की कृपा बाधित हो सकती है.

मन को शांत रखें

इस दिन झगड़ा या बहस करने से बचें. भक्ति और भजन में समय बिताएं, जिससे मन और व्रत दोनों पवित्र बने रहें.

दिन में न करें सोना

हालांकि शरीर थक सकता है, फिर भी दिन में सोना वर्जित माना गया है. पूजा और भजन करना अधिक फलदायी होता है.

व्रत के बाद करें दान

  • व्रत पूर्ण होने के बाद अन्न, जल और वस्त्रों का दान करना आवश्यक है. यह व्रत को पूर्णता देता है और पुण्य में वृद्धि करता है.
  • हरियाली तीज सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि स्त्री श्रद्धा, शक्ति और सौभाग्य का पर्व है. श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए किया गया यह व्रत आपके जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर सकता है.

ज्योतिष और वास्तु से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए संपर्क करें –
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594 / 9545290847

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