होली भाई दूज पर ऐसे करें तिलक, जानें पूजा का सही समय और विधि

Holi Bhai Dooj 2025:भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं, जिससे वे उनके अच्छे स्वास्थ्य, उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु की कामना करती हैं. आइए, भ्रातृ द्वितीया पर तिलक लगाने का सही मुहूर्त और विधि के बारे में जानकारी प्राप्त करें.

By Shaurya Punj | March 15, 2025 8:27 AM
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Holi Bhai Dooj 2025: भाई-बहन के प्रेम का उत्सव भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है, एक बार दीपावली के बाद और दूसरी बार होली के बाद. यह पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जिसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. इस वर्ष तिथि के दो दिन पड़ने के कारण भाई दूज की तिथि को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि होली के अवसर पर भाई दूज किस दिन मनाया जाएगा. आइए, हम होली में पड़ने वाली भाई दूज के तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त, विधि और मंत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करें.

होली भाई दूज कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 15 मार्च 2025 को दोपहर 02:33 बजे शुरू होगी और 16 मार्च 2025 को शाम 04:58 बजे समाप्त होगी. इस प्रकार, होली भाई दूज का पर्व उदया तिथि में 16 मार्च 2025, रविवार को मनाया जाएगा.

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होली भाई दूज 2025 में भाई को तिलक करने का शुभ समय

पंचांग के अनुसार, 16 मार्च को द्वितीया तिथि शाम 4:58 बजे तक रहेगी. इसलिए, इस दिन सुबह से लेकर शाम 4:58 बजे तक तिलक करना शुभ माना जाएगा.

कैसे मनाएं होली भाई दूज?

भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और उनकी भलाई के लिए तपस्या करती हैं. यदि निर्जला व्रत करना संभव न हो, तो आप फलाहार का सेवन करते हुए भी इस व्रत को रख सकती हैं. इस दिन बहनें पूजा की थाली सजाकर अपने भाइयों के समक्ष बैठती हैं और उनके माथे पर तिलक करती हैं. इसके बाद बहन-भाई मिलकर भोजन करते हैं.

भाई दूज की मान्यता

कहा जाता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से टीका करवाकर उसके घर पर भोजन करता है, उसके जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं. ऐसा करने वाले भाइयों को किसी भी प्रकार का भय नहीं सताता है.

होली भाई दूज का महत्व

दीवाली के उपरांत भाई दूज के दिन भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र की कामना की जाती है, साथ ही उसे नर्क की यातनाओं से मुक्ति दिलाने के लिए भी तिलक किया जाता है. इसी प्रकार, होली के बाद भी भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार, होली के बाद द्वितीया तिथि पर भाई को तिलक करने से विभिन्न संकटों से सुरक्षा प्राप्त होती है.

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