Jitiya Vrat 2024 Date: यहां देखें जीवित्पुत्रिका व्रत की सही तिथि, जाने व्रत का नियम तथा पारण का समय

Jitiya Vrat 2024 Date: जीवित्पुत्रिका व्रत का मान सूर्योदय ग्राह्य तिथि में होने से माता और पुत्र के इस अगाध प्रेम का पर्व 25 तारीख दिन बुधवार को मनाया जाएगा. जानें व्रत का सही नियम.

By Shaurya Punj | September 23, 2024 2:03 PM
an image

Jitiya Vrat 2024 Date: जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह व्रत महिलाएं के लिए बहुत ही कठिन व्रत होता है.व्रत के दिन महिलाएं पुरे दिन निर्जला व्रत रहकर यह व्रत करती है इस व्रत को करने के लिए कठिन नियम का पालन करना पड़ता है. इस त्योहार में तिथि का मिलना बहुत महत्वपूर्ण रहता है.आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत करने का विधान है.

क्यों रखा जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत ?

माताएं पूरे दिन उपवास रहकर संध्या काल में जीमूतवाहन महराज की पूजा करती है और अपने पुत्र की लम्बी आयु के लिए कामना करती है. यह व्रत सप्तमी से आरम्भ होता है और नवमी तिथि तक व्रत चलता है. इस व्रत को करने का मुख्य कारण होता है संतान की लम्बी उम्र की कामना करने के लिए किया जाता है. देश में इस व्रत को अलग -अलग नाम से जाना जाता है इसे जितिया , जीमूतवाहन, जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से जाना जाता है, इस व्रत का आरंभ नहाय खाय से आरंभ होता है.

कब है जीवित्पुत्रिका व्रत ?

इस वर्ष 24 अक्तूबर 2024 दिन मंगलवार को नहाय खाए होगा .

25 अक्तूबर 2024 दिन बुधवार को जीवित्पुत्रिका व्रत किया जायेगा.

26 अक्तूबर दिन गुरुवार को व्रत का पारण सूर्योदय के बाद होगा.

जीवित्पुत्रिका व्रत का आरम्भ कैसे करें ?

यह व्रत कथा के अनुसार सप्तमी से रहित और उदय तिथि की अष्टमी को व्रत करे यानि सप्तमी विद्ध अष्टमी जिस दिन हो उस दिन व्रत नहीं करके शुद्ध अष्टमी से को व्रत करे और नवमी में पारण करे. अगर इस बात पर ध्यान नहीं देने से व्रत का फल नहीं मिलता है.

जीवित्पुत्रिका व्रत के नियम

व्रती को स्नान करके शुद्ध वस्त्र धरण करे.सूर्य भगवन को पूजन करे जीमूतवाहन की प्रतिमा को धुप दीप ,अगरबती दिखाकर चावल पुष्प आदि का अर्पित करे. इस व्रत में मिट्टी का या गाय के गोबर से चिल व सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है माथे पर लाल सिंदूर का टिका लगाया जाता है.पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुने पारण के बाद ब्राह्मण को दान दें.

जीवित्पुत्रिका व्रत पारण का नियम

जीवित्पुत्रिका व्रत का का पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है इस दिन प्रातः काल में स्नान करके अपने कुलदेवता का पूजन करे उसके बाद पारण करे मान्यता यह है जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण गाय के दूध से करे .

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version