Mangalwar Vrat Katha: मंगलवार को इस कथा पढ़ने से दूर होंगे कष्ट, हनुमान जी की कृपा होगी बरसेगी
Mangalwar Vrat Katha: मंगलवार का दिन हनुमान जी की उपासना के लिए विशेष माना जाता है. इस दिन व्रत रखकर अगर श्रद्धा से मंगलवार व्रत कथा पढ़ी जाए, तो जीवन के संकट दूर होते हैं और भक्तों पर हनुमान जी की विशेष कृपा बरसती है. जानिए यह पावन कथा.
By Shaurya Punj | June 24, 2025 8:59 AM
Mangalwar Vrat Katha: मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से श्रीराम की आराधना करता है, हनुमान जी स्वतः ही उस पर प्रसन्न हो जाते हैं. मंगलवार का दिन विशेष रूप से बजरंगबली की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि आप मंगलवार का व्रत रखते हैं या इसे आरंभ करने का विचार कर रहे हैं, तो इस व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा को जानना बेहद जरूरी है. इस कथा का पाठ न केवल व्रत को पूर्णता देता है, बल्कि हनुमान जी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है. यह कथा आपके मन में प्रभु हनुमान के प्रति गहरी श्रद्धा और विश्वास उत्पन्न करती है, जिससे भक्ति और संकल्प दोनों मजबूत होते हैं.
प्राचीन समय की बात है, एक नगर में एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी निवास करते थे. दोनों ही हनुमान जी के परम भक्त थे. हर मंगलवार को वे पास के जंगल में जाकर श्रद्धा भाव से हनुमान जी की पूजा करते और उपवास रखते थे. वे हनुमान जी को भोग अर्पित किए बिना स्वयं अन्न-जल ग्रहण नहीं करते थे.
हालांकि उनके जीवन में किसी चीज़ की कमी नहीं थी, परंतु उन्हें संतान सुख प्राप्त नहीं था. इसी कारण वे प्रत्येक मंगलवार को जंगल जाकर हनुमान जी की भक्ति करते और पुत्र की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते थे.
एक मंगलवार से पूर्व, ब्राह्मण की पत्नी गंभीर रूप से बीमार हो गई. वह न तो भोजन बना सकी, न ही हनुमान जी को भोग अर्पित कर सकी. किंतु उसने यह दृढ़ संकल्प लिया कि अगले मंगलवार को व्रत रखकर भोग अर्पित करने के बाद ही भोजन करेगी.
वह पूरे छह दिन तक उपवास पर रही, जल तक ग्रहण नहीं किया, परंतु हनुमान जी की भक्ति में लीन रही. सातवें दिन, मंगलवार को जब वह पूजा की तैयारी कर रही थी, तो उसकी हालत अत्यधिक दुर्बलता के कारण बिगड़ गई और वह मूर्छित होकर गिर पड़ी.
उसकी इस दृढ़ भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी स्वयं प्रकट हुए और ब्राह्मण दंपती को दर्शन दिए. उन्होंने जब वरदान मांगने को कहा, तो ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा जताई. हनुमान जी ने उन्हें आशीर्वाद देकर एक तेजस्वी पुत्र प्रदान किया.
इस प्रकार, मंगलवार के व्रत और सच्ची भक्ति के प्रभाव से ब्राह्मण दंपती को संतान सुख प्राप्त हुआ. यह कथा हमें यह सिखाती है कि सच्ची श्रद्धा, संकल्प और भक्ति से हनुमान जी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है.