Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये काम, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
Margashirsha Amavasya 2024: शास्त्रों के अनुसार, पितृ कार्यों के लिए अमावस्या तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है. इस दिन यदि आप विशेष अनुष्ठान करते हैं, तो न केवल आपके पूर्वज प्रसन्न होते हैं, बल्कि आपके घर में धन और समृद्धि का भी संचार होता है. शास्त्रों के अनुसार, मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु को विशेष प्रिय है. इस मास में पितरों के लिए किए गए अनुष्ठान से वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं.
By Shaurya Punj | November 25, 2024 8:30 AM
Margashirsha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का अत्यधिक महत्व है, और यह पूरे वर्ष में 12 बार आती है, जिनमें से एक मार्गशीर्ष माह की अमावस्या है. इस वर्ष यह अमावस्या 1 दिसंबर, रविवार को मनाई जाएगी. मार्गशीर्ष माह की अमावस्या पर विशेष रूप से पूजा, व्रत और अनुष्ठान करने का महत्व है. इस दिन श्रद्धालु अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और धार्मिक क्रियाओं का पालन करते हैं, जिससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. यह दिन आत्मिक शांति और समृद्धि की कामना के लिए उपयुक्त माना जाता है.
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 नवंबर, शनिवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ होगी. यह तिथि 1 दिसंबर, रविवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर, रविवार को मनाई जाएगी.
अमावस्या पर पूर्वजों के लिए पितृ कार्य का महत्व
यदि कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों को संतुष्ट करना चाहता है, तो उसे अमावस्या के दिन पितृ कार्यों के अंतर्गत किसी धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करना चाहिए. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है. इस प्रक्रिया से न केवल पितृ दोष समाप्त होते हैं, बल्कि पूर्वजों की कृपा भी प्राप्त होती है, जिससे घर में सुख और शांति का वातावरण बनता है. पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, यदि किसी कारणवश श्राद्ध पक्षों में अपने पितरों के लिए कोई अनुष्ठान या यज्ञ नहीं किया गया है, तो अमावस्या के दिन ऐसा करने से नाराज पितृ प्रसन्न हो जाएंगे और अपने वंशजों को आशीर्वाद देंगे.