नाग पंचमी इस वर्ष 2025 में यह पर्व और भी खास हो गया है क्योंकि इस बार अत्यंत दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं, जो इसे अत्यधिक शुभ और फलदायी बना रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Nag Panchmi 2025: क्या इच्छाधारी नाग-नागिन लेते हैं जन्मों का बदला, पढ़ें हैरान करने वाली बातें
सौ साल बाद बन रहा है ये खास योग
इस वर्ष नाग पंचमी पर शुभ योग, सिद्धि योग और स्वाति नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है. यह त्रैतीय संयोग लगभग सौ वर्षों में एक बार बनता है. जब पंचमी तिथि, सोमवार और स्वाति नक्षत्र एक साथ आते हैं, तो इसे अत्यंत फलदायक माना जाता है. यह समय विशेष रूप से कालसर्प दोष निवारण, तांत्रिक साधना, सर्पदोष से मुक्ति तथा संतान प्राप्ति की कामनाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग देवता पाताल लोक के निवासी होते हैं और हिन्दू धर्मग्रंथों में उनका वर्णन भगवान शिव के गले के आभूषण और भगवान विष्णु की शय्या के रूप में मिलता है. इस दिन श्रद्धालु अपने घरों के प्रवेश द्वार, दीवारों या मंदिरों में नाग की आकृति बनाकर या मूर्ति स्थापित कर पूजा करते हैं. पूजा में दूध, फूल, दूर्वा, कुश और चंदन अर्पित किया जाता है.
नाग पंचमी केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह पर्व प्रकृति के संरक्षण और जीवों के प्रति सह-अस्तित्व की भावना को प्रोत्साहित करता है. इस दिन सर्पों को हानि पहुंचाना वर्जित माना गया है.
इस प्रकार, वर्ष 2025 में नाग पंचमी का यह विशेष संयोग श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अवसर है. यदि विधिपूर्वक नाग देवता की पूजा की जाए, तो जीवन की कठिनाइयों का समाधान, रोगों से मुक्ति और पारिवारिक सुख-शांति की प्राप्ति संभव मानी जाती है.