Nag Panchami 2025 : नाग देवता को अर्पित करें ये 5 विशेष चीजें, मिलेगा शुभ फल
Nag Panchami 2025 : यह पर्व सिर्फ नागों की आराधना नहीं, बल्कि प्रकृति, पंचतत्व और देवी-देवताओं के साथ सामंजस्य का प्रतीक है. इस नाग पंचमी पर श्रद्धा और नियम से करें नाग पूजा और पाएं जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति.
By Ashi Goyal | July 10, 2025 4:46 PM
Nag Panchami 2025 : नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पवित्र पर्व है, जो विशेष रूप से नाग देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है. यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से सर्प दोष, कालसर्प योग, और अकाल मृत्यु जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है, वर्ष 2025 में नाग पंचमी की तिथि 29 जुलाई को है. जानें नाग पंचमी पर नाग देवता को अर्पित करने योग्य विशेष चीजें और उनका धार्मिक महत्त्व:-
– दूध और शुद्ध जल
नाग पंचमी पर नाग देवता को कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान कराया जाता है.
यह पूजा का प्रमुख अंग है क्योंकि मान्यता है कि नागों को दूध प्रिय होता है.
इससे सर्प भय दूर होता है और परिवार में सुख-शांति आती है.
– दूर्वा और कुशा
पूजा में नाग देवता को दूर्वा घास और कुशा अर्पित की जाती है.
ये दोनों वस्तुएं शुद्धता और रक्षा का प्रतीक मानी जाती हैं.
इससे कालसर्प दोष शांत होता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती.
– हल्दी और चंदन
नागों की पूजा में हल्दी और चंदन का लेप अत्यंत शुभ माना जाता है.
ये दोनों चीजें पूजा में शीतलता और शुभता लाती हैं.
इससे स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है.
– नाग के चित्र या प्रतिमा पर फूल
मिट्टी या चांदी की नाग प्रतिमा पर फूल, खासकर नागचंपा या गुलाब चढ़ाना शुभ माना जाता है.
फूल अर्पण से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है.
इससे वंश वृद्धि में आने वाले दोष समाप्त होते हैं.
– नाग मंत्रों का जाप और दूध से अभिषेक
“ओम नमः नागाय” या ” ओम नागेंद्राय नमः” जैसे मंत्रों का जप करते हुए नाग प्रतिमा पर दूध अर्पित करें.
यह साधना सर्पदोष निवारण, कुंडली दोष शांति, और रोग-शोक से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली होती है.
नाग पंचमी पर नाग देवता को विधिपूर्वक दूध, दूर्वा, चंदन, फूल और मंत्रों से पूजन करने से जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और शांति का प्रवेश होता है. यह पर्व सिर्फ नागों की आराधना नहीं, बल्कि प्रकृति, पंचतत्व और देवी-देवताओं के साथ सामंजस्य का प्रतीक है. इस नाग पंचमी पर श्रद्धा और नियम से करें नाग पूजा और पाएं जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति.