– बुध ग्रह की अशांति का संकेत
ज्योतिष में नाखून, त्वचा और तंत्रिका तंत्र का संबंध बुध ग्रह से होता है. नाखून चबाना यह दर्शाता है कि जातक का बुध अशांत या कमजोर है. यह व्यक्ति के सोचने की क्षमता, संवाद शैली और निर्णय लेने की शक्ति को प्रभावित करता है. समाधान के लिए रोज़ “ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें और हरे रंग के वस्त्र धारण करें.
– मानसिक बेचैनी और चंद्र दोष
नाखून चबाने की आदत मानसिक तनाव या अनजानी चिंता का संकेत है, जो कि चंद्रमा की स्थिति से जुड़ी होती है. यदि चंद्रमा नीच का या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो जातक अनावश्यक डर और बेचैनी का अनुभव करता है. इसके लिए सोमवार को व्रत रखें, चांदी की अंगूठी धारण करें और चंद्रमा को दूध अर्पित करें.
– अशुद्धता और देवी लक्ष्मी की कृपा में बाधा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाखून चबाना शरीर की शुद्धता को नष्ट करता है. ऐसे लोग अक्सर धन हानि, आलस्य और दुर्भाग्य का सामना करते हैं. यह आदत देवी लक्ष्मी की कृपा में बाधा डालती है. प्रतिदिन स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें, घर में कपूर और गाय का घी जलाएं.
– राहु-केतु दोष की संभावनाएं
यदि जातक लगातार नाखून चबाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि उसकी कुंडली में राहु या केतु का प्रभाव अत्यधिक है. इससे भ्रम, व्यसन, और आत्मनियंत्रण में कमी आती है. शनिवार को काली उड़द का दान करें और “ओम रां राहवे नमः” का जाप करें.
– आत्मबल और मनोबल की कमी
नाखून चबाना आत्मबल की कमजोरी का भी प्रतीक है. ऐसे व्यक्ति निर्णय नहीं ले पाते और आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं. इसके लिए गायत्री मंत्र का जाप करें और सुबह सूर्य को जल अर्पित करें. प्रतिदिन ध्यान और प्राणायाम से मनोबल में वृद्धि होती है.
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नाखून चबाने की आदत केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक असंतुलन का प्रतीक भी है. यदि आप इन ज्योतिषीय उपायों को श्रद्धा और अनुशासन के साथ अपनाते हैं, तो न केवल यह आदत छूट जाएगी, बल्कि जीवन में पॉजिटिव एनर्जी और शुभता भी आएगी.