छोटी दिवाली के दिन 5 दीपक जलाने की है परंपरा
छोटी दीवाली के दिन घर में पांच दीये जलाने की परंपरा है. एक पूजा पाठ वाले स्थान पर, दूसरा रसोई घर में, तीसरा पीने का पानी वाले स्थान पर, चौथा दीया पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे और पांचवा घर के मुख्य द्वार पर. बता दें कि घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाने वाला दीया चार मुंह वाला हो और उसमें चार लंबी बत्तियों हों.
विषम संख्या में जलाते हैं दीए : छोटी दिवाली पर 5, 7, 13, 14 या 17 की संख्या में दीए जला सकते हैं. खासकर चतुर्दशी होने के कारण कई घरों में इस दिन 14 दीए जलाने की परंपरा है. आगे पढ़ें 14 दीया घर के किस स्थान पर रखें-
: पहला दीया रात में सोते वक्त यम का दीया जो पूराना होता है और जिसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख करके जलाया जाता है.
: दूसरा दीया किसी सुनसान देवालय में रखा जाता है जोकि घी का दिया होता है. इसे जलाने से कर्ज से छुटकारा मिलता है.
: तीसरा दीया माता लक्ष्मी के समक्ष जलाया जाता है.
: चौधा दीया माता तुलसी के समक्ष जलाते हैं.
: पांचवां दीया घर के मुख्य दरवाजे के बाहर जलाते हैं.
Also Read: Choti Diwali 2021 : छोटी दिवाली पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, चतुर्दशी दीपदान के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त यहां जानें
: छठा दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाते हैं.
: सातवां दीया किसी मंदिर में.
: आठवां दीया घर की छत पर जलते हैं.
: नौवां दीया घर की खिड़की के पास जलाते हैं.
: दसवां दीया- घर की सीढ़ियों या बरामदे में पर जलाते हैं .
: ग्यारहवां दीया रसोई में या जहां पानी रखा जाता है वहां जलाकर रखते हैं.
: बारहवां दीया घर के बाथरूम में जलाते हैं.
: तेरहवां दीया घर में कूड़ा कचरा रखने वाले स्थान पर जलाते हैं.
: चौदहवां दीया घर के छत की मुंडेर पर जलाते हैं.