Navratri 2020 Date: हर साल श्राद्ध खत्म होते ही अगले दिन से नवरात्रि तिथि शुरू हो जाती थी और कलश स्थापना की जाती है. लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ. इस बार श्राद्ध समाप्त होते ही अधिकमास शुरू हो गया है. अधिकमास लगने से नवरात्रि 20 से 25 दिन आगे खिसक गया. इस साल दो महीने अधिकमास लग रहे हैं.
ज्योतिष के अनुसार लीप वर्ष होने के कारण ऐसा हो रहा है. इसलिए इस बार चातुर्मास जो हमेशा चार महीने का होता है, इस बार पांच महीने का होगा. ज्योतिष की मानें तो 165 साल बाद लीप ईयर और अधिकमास दोनों ही एक साल में हो रहे हैं. चतुर्मास में विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे. इस काल में पूजन पाठ व्रत उपवास और साधना का विशेष महत्व होता है. इस दौरान देव सो जाते हैं. देवउठनी एकादशी के बाद ही देव जागते हैं.
आज से अधिकमास शुरू हो गया है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा. इसके बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि व्रत शुरू हो जाएंगे. इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी. जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे. इसके बाद ही शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि शुरू होंगे. विष्णु भगवान के निद्रा में जाने से इस काल को देवशयन काल माना गया है. चतुर्मास में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं. इस मास में दुर्घटना, आत्महत्या आदि जैसी घटनाओं की अधिकता होती है. चतुर्मास में एक ही स्थान पर गुरु यानी ईश्वर की पूजा करने को महत्व दिया है. इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्र का आरंभ 17 अक्टूबर आश्चिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होगी. दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है. घट स्थापना मुहूर्त का समय 17 अक्टूबर दिन शनिवार को प्रात: काल 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक है. घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बारह 29 मिनट तक रहेगा.
News Posted by : Radheshyam kushwaha
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