Opal Gemstone: ओपल पहनने से खुल सकते हैं भाग्य के दरवाजे, जानें सही तरीका और फायदे

Opal Gemstone: ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, वैवाहिक सुख, सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक समृद्धि प्राप्त हो सकती है. यह रत्न विशेष रूप से वृष, तुला, कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है. ओपल को शुक्रवार के दिन, चांदी की अंगूठी में, अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए. धारण करने से पहले इसे गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करना आवश्यक है.

By Samiksha Singh | May 16, 2025 4:30 AM
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Opal Gemstone: ओपल रत्न, अपनी अद्भुत चमक और रंगों की विविधता के लिए जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इसे शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि माना जाता है, जो प्रेम, सौंदर्य, वैभव और भौतिक सुखों का कारक है. यदि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है या आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि की तलाश में हैं, तो ओपल रत्न धारण करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है.

कौन पहन सकता है ओपल रत्न?

ओपल रत्न मुख्य रूप से वृष और तुला राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि इन राशियों के स्वामी शुक्र ग्रह हैं. इसके अतिरिक्त, मकर और कुंभ राशि के लोग भी इसे धारण कर सकते हैं, क्योंकि शनि और शुक्र ग्रह में मित्रता का संबंध होता है. जो लोग कला, संगीत, फैशन डिजाइनिंग, मीडिया या फिल्म उद्योग से जुड़े हैं, उनके लिए भी ओपल रत्न लाभकारी हो सकता है.

ओपल पहनने के लाभ

  • वैवाहिक सुख: ओपल रत्न धारण करने से पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता आती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
  • आकर्षण शक्ति में वृद्धि: यह रत्न व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाता है, जिससे सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है.
  • आर्थिक समृद्धि: ओपल पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और धन-वैभव में वृद्धि होती है.
  • मानसिक शांति: यह रत्न मानसिक तनाव को कम करता है और मन को शांत रखता है.
  • रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता: कला, संगीत, फैशन और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न विशेष रूप से लाभकारी है.

इस विधि से धारण करें ओपल

  • दिन और समय: ओपल रत्न को शुक्रवार के दिन, सुबह के समय धारण करना शुभ होता है.
  • धातु और अंगुली: इसे चांदी की अंगूठी में बनवाकर दाहिने हाथ की अनामिका (रिंग फिंगर) में पहनना चाहिए.
  • शुद्धिकरण प्रक्रिया:
  • अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल में कुछ समय के लिए डुबोकर रखें.
  • इसके बाद इसे साफ पानी से धोकर सफेद कपड़े पर रखें.
  • मंत्र जाप: अंगूठी धारण करने से पहले “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” मंत्र की एक माला (108 बार) जाप करें.
  • दान: रत्न धारण करने के बाद किसी ब्राह्मण को शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें, जैसे सफेद वस्त्र, चावल, दही आदि.

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