Planetary Effects: भारतीय ज्योतिष शास्त्र केवल मानव जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव पशु-पक्षियों तक भी माना जाता है। कई ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि कुत्ता, बिल्ली, गाय, तोता जैसे पालतू जानवर भी ग्रहों की ऊर्जाओं से प्रभावित होते हैं.
ग्रह दशा और पालतू जानवरों का बदलता स्वभाव
जैसे मनुष्यों की कुंडली में शनि, राहु या केतु की दशा जीवन में परिवर्तन लाती है, ठीक वैसे ही इन ग्रहों की स्थिति से पालतू जानवरों के व्यवहार में भी बदलाव आ सकता है। कई बार राहु-केतु या चंद्र-शनि की दशा के दौरान देखा गया है कि पालतू जानवर अचानक चिड़चिड़े हो जाते हैं, उदास रहने लगते हैं या उनका खानपान बिगड़ जाता है। कभी-कभी वो बिना कारण डरने लगते हैं, भौंकते हैं या अलग-थलग रहने लगते हैं—यह सब संकेत हो सकते हैं कि घर की ऊर्जा में कोई बदलाव हो रहा है.
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जानवरों पर पहले दिखता है ग्रह दोष का असर?
वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, जानवर नकारात्मक ऊर्जा को जल्दी पकड़ लेते हैं। अगर घर में नेगेटिव एनर्जी बढ़ रही हो या किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह दोष सक्रिय हो, तो उसका असर सबसे पहले पालतू जानवरों पर दिख सकता है.
शनि दोष में करें काले कुत्ते की सेवा, मिलती है विशेष कृपा
ऐसे में कुछ उपाय किए जा सकते हैं जैसे – जानवर को रुद्राक्ष पहनाना, घर में शांति पाठ कराना, या उन्हें हनुमान मंदिर ले जाकर प्रसाद खिलाना. विशेषकर काले कुत्ते को शनि से जुड़ा माना जाता है, और शनि दोष की दशा में उसकी सेवा शुभ मानी जाती है.
हालांकि इन बातों के वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, लेकिन भारत में परंपराओं को मानने वाले परिवारों में यह मान्यता गहराई से रची-बसी है और कई लोग इन्हें व्यवहार में अपनाते हैं. यदि आप पालतू के व्यवहार में अचानक कोई परिवर्तन महसूस कर रहे हैं, तो ज्योतिषीय कारणों पर भी एक नजर डालना उपयोगी हो सकता है.
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