Pradosh Vrat 2025: इस दिन रखा जाएगा जून में प्रदोष व्रत, पूजा का सही समय और विधि

Pradosh Vrat 2025: जून 2025 में आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना गया है. इस दिन श्रद्धालु उपवास रखकर शिव-पार्वती की पूजा करते हैं. मान्यता है कि प्रदोष व्रत से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. जानें तिथि, समय और पूजा विधि.

By Shaurya Punj | June 6, 2025 9:04 AM
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Pradosh Vrat June 2025: हर महीने दो बार आने वाला प्रदोष व्रत शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है. यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है.मान्यता है कि इस दिन पूरे श्रद्धा और नियम से व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है.जून 2025 में यह व्रत दो बार पड़ेगा, एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में. अगर आप भी इस बार प्रदोष व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो यहां जानिए इसकी तारीखें, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी.

जून 2025 में कब-कब है प्रदोष व्रत?

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पहला प्रदोष व्रत – शुक्ल पक्ष (ज्येष्ठ माह)

  • तारीख: 8 जून 2025 (रविवार)
  • त्रयोदशी तिथि शुरू: 8 जून सुबह 7:17 बजे
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 9 जून सुबह 9:35 बजे
  • इसलिए पहला व्रत 8 जून को रखा जाएगा.

दूसरा प्रदोष व्रत – कृष्ण पक्ष (आषाढ़ माह)

  • तारीख: 23 जून 2025 (सोमवार)
  • त्रयोदशी तिथि शुरू: 23 जून रात 1:21 बजे
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 23 जून रात 10:09 बजे
  • इसलिए दूसरा व्रत 23 जून को रखा जाएगा.

प्रदोष व्रत की पूजा विधि (आसान तरीके से)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत रखने का संकल्प लें. इसके बाद पूजा की तैयारी करें-
  • पूजा स्थान पर शिवलिंग स्थापित करें.
  • भगवान शिव को जल अर्पित करें और बेलपत्र, आक के फूल, मदार और गुड़हल चढ़ाएं.
  • ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे’ जैसे शिव मंत्रों का जाप करें.
  • प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें या सुनें.
  • शिव परिवार (मां पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय) की पूजा करें.
  • अंत में शिव आरती करें और भोग में भगवान को उनका प्रिय प्रसाद अर्पित करें.

प्रदोष व्रत खोलने का नियम (पारण)

प्रदोष व्रत का पारण यानी व्रत खोलना अगले दिन किया जाता है, जब पूजा और नियम पूरे हो जाते हैं.

प्रदोष व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति आती है, मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.इस दिन व्रत रखने से विशेष पुण्य मिलता है और भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देते हैं. अगर आप जून में शिव जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इन दोनों तारीखों को याद रखें और पूरे विधि-विधान से प्रदोष व्रत जरूर करें.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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