– हर परिस्थिति को भगवान की इच्छा माने
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जीवन में जो भी होता है, वह भगवान की इच्छा और हमारे कर्मों का फल होता है. इसलिए किसी भी कठिनाई में हमें व्यथित नहीं होना चाहिए, बल्कि उस स्थिति को प्रभु की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेना चाहिए. जब हम स्वीकार करते हैं, तो मन शांत होता है और समाधान अपने आप मिलने लगते हैं.
– नाम जप और भक्ति से मिलता है मानसिक बल
कठिन समय में प्रेमानंद जी महाराज नाम जप को सबसे श्रेष्ठ साधन मानते हैं. उनका कहना है कि जब हम “राम”, “कृष्ण”, या “हरे राम हरे कृष्ण” का जाप करते हैं, तो हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मन मजबूत बनता है. नाम स्मरण से भीतर की चिंता समाप्त होती है और आनंद की अनुभूति होती है.
– अहंकार त्याग कर ईश्वर की शरण लें
मनुष्य अपने अहंकार के कारण दुखी होता है. जब हमें लगता है कि सब कुछ हमारे नियंत्रण में है, तब भगवान हमें परिस्थितियों से सिखाते हैं कि नियंत्रण उनके हाथ में है. प्रेमानंद जी महाराज सिखाते हैं कि हमें पूर्ण रूप से ईश्वर की शरण में रहकर विनम्रता अपनानी चाहिए, तभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है.
– संतों की संगति और सत्संग से बदलता है दृष्टिकोण
महाराज जी बताते हैं कि जब हम सत्संग में भाग लेते हैं और संतों की वाणी को सुनते हैं, तो हमारा दृष्टिकोण बदलता है. कठिन समय में भी सकारात्मक रहना और समाधान ढूंढना आसान हो जाता है..संतों की संगति से मनुष्य को सही दिशा मिलती है.
– सेवा और परोपकार से मिलता है आंतरिक सुख
कठिन समय में दूसरों की सेवा करने से आत्मा को संतोष और शांति मिलती है. प्रेमानंद जी महाराज बार-बार कहते हैं कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं. जब हम दूसरों के दुख बांटते हैं, तो हमारे अपने दुख छोटे लगने लगते हैं और मन हल्का होता है.
यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips : होंगी सारी मनोकामनाएं पूरी, अपनाएं प्रेमानंद जी महाराज के ये उपाय
यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips : प्रेमानंद जी महाराज द्वारा बताए गए सुख-शांति से जीवन जीने के 5 उपाय
यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips : प्रेमानंद जी बताते है टूटी दोस्ती को वापिस पाने के उपाय
प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाएं बताती हैं कि कठिन समय केवल हमारी परीक्षा नहीं, आत्मोन्नति का अवसर है. यदि हम भगवान की भक्ति, सेवा, विनम्रता और सकारात्मक सोच को अपनाएं, तो हर कठिनाई में भी आनंदित रह सकते हैं. यही सच्चा धर्म और जीवन का वास्तविक मार्ग है.