– प्रभु नाम का स्मरण करें
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, जब भी मन में गुस्सा आए, तो तुरंत “राधे-राधे” या अपने इष्टदेव का नाम स्मरण करें. नाम जप से मन शांत होता है और नकारात्मक विचारों का प्रभाव कम होता है. यह साधना का सरल रूप है जो क्रोध को क्षमा में बदल सकता है.
– मौन साधना
महाराज जी कहते हैं कि जब गुस्सा आने लगे, तो कुछ क्षण के लिए मौन हो जाना चाहिए. मौन रहकर हम शब्दों से होने वाली हानि को टाल सकते हैं. यह अभ्यास आत्मसंयम को बढ़ाता है और क्रोध को शांति में परिवर्तित करता है.
– सत्संग और कथा श्रवण करें
गुस्से को नियंत्रित करने का एक प्रभावशाली तरीका है सत्संग में भाग लेना. प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि रोज़ाना भगवान की कथा, भागवत या रामायण का श्रवण करने से चित्त शुद्ध होता है और मन संयमित रहता है. क्रोध की अग्नि सत्संग की ठंडी हवा से शांत हो जाती है.
– प्रत्येक परिस्थिति में प्रभु की इच्छा मानें
महाराज जी कहते हैं कि संसार में जो कुछ हो रहा है, वह प्रभु की इच्छा से हो रहा है. जब हम यह भाव रखेंगे कि सब कुछ भगवान की लीला है, तो हम किसी पर क्रोधित नहीं होंगे. यह दृष्टिकोण हमें समर्पण भाव सिखाता है, जिससे क्रोध स्वतः ही नष्ट होने लगता है.
– प्रातः काल ध्यान और प्रार्थना करें
हर सुबह उठकर शांत मन से 10–15 मिनट भगवान का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि “हे प्रभु, मुझे संयम और धैर्य दो” प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि दिन की शुरुआत शांत चित्त से करने पर पूरा दिन संतुलित रहता है और क्रोध आने की संभावना घट जाती है.
यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips :प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा – बच्चों को सरल और प्रभावी ढंग से पढ़ाने के महत्वपूर्ण उपाय
यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips : प्रेमानंद जी महाराज ने बताया अमीर बनने का सरल तरीका
यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips: प्रेम ही जीवन की असली पूंजी है, जानिए प्रेमानंद जी के वचनों से
प्रेमानंद जी महाराज के बताए ये सरल उपाय न केवल गुस्से पर नियंत्रण पाने में सहायक हैं, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग भी दिखाते हैं. यदि हम ईश्वर के प्रेम में डूबकर स्वयं को शांत रखें, तो गुस्सा हम पर कभी हावी नहीं हो सकता.