Raksha Bandhan 2025 Date: राखी का त्योहार कब है? जानें शुभ समय और रक्षाबंधन से जुड़ी मान्यताएं

Raksha Bandhan 2025 Date: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक पर्व है, जिसे हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. 2025 में यह पर्व कब है, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं क्या हैं, आइए जानें.

By Shaurya Punj | June 24, 2025 10:44 AM
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Raksha Bandhan 2025 Date: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के अटूट बंधन का प्रतीक पर्व है, जो हर वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधकर उनके सुख, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं, जबकि भाई उन्हें सुरक्षा का वचन देते हैं और उपहार भेंट करते हैं.

इस वर्ष सावन माह की शुरुआत जुलाई 2025 से हो रही है, ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि रक्षाबंधन 2025 की सही तिथि और मुहूर्त क्या है. साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या इस दिन भद्रा का साया रहेगा या नहीं. आइए जानते हैं रक्षाबंधन की तिथि, शुभ समय और इससे जुड़ा धार्मिक महत्व.

कब है रक्षाबंधन?

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे से हो रही है, जो 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी. उदया तिथि को मान्यता मिलने के कारण रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस बार बहनों को राखी बांधने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. 9 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 बजे से लेकर दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा. यानी बहनें लगभग 8 घंटे तक बिना किसी भद्रा दोष के राखी बांध सकती हैं.

रक्षाबंधन का महत्व

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन को एक अत्यंत पवित्र और भावनात्मक पर्व माना जाता है. यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और संरक्षण के रिश्ते का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके स्वास्थ्य, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं. बदले में भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उपहार भेंट कर अपने स्नेह को प्रकट करते हैं. यह पर्व पूरे भारत में हर्षोल्लास और पारिवारिक एकता के साथ मनाया जाता है.

प्रभात खबर के धर्म सेक्शन में प्रकाशित सभी जानकारियां धार्मिक, ज्योतिषीय और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित हैं. इनका उद्देश्य पाठकों को जानकारी प्रदान करना है, न कि किसी भी प्रकार की अंधविश्वास को बढ़ावा देना. पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी उपाय या सलाह को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या ज्ञानी आचार्य की सलाह अवश्य लें. प्रभात खबर किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता और न ही इसके लिए जिम्मेदार है.

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