Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन 2025 में यह पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस दिन बहन जब भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो वह रक्षा सूत्र में तीन गांठें लगाती है. यह परंपरा मात्र एक सांस्कृतिक रीत नहीं, बल्कि गहराई से जुड़ी हुई धार्मिक मान्यताओं और त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) से संबंध रखती है:-
– तीन गांठों का अर्थ
रक्षासूत्र की तीन गांठें धर्म, संस्कार और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती हैं. ये गांठें भाई के जीवन में तीन प्रमुख ऊर्जा स्रोतों को जाग्रत करती हैं – शक्ति (महेश), पालन (विष्णु), और सृजन (ब्रह्मा).
– त्रिदेवों से जुड़ाव का धार्मिक महत्व
- पहली गांठ – ब्रह्मा यह गांठ सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का प्रतीक है. यह भाई के जीवन में सृजनात्मकता, सद्बुद्धि और ज्ञान का संचार करती है.
- दूसरी गांठ – विष्णु
- यह पालक विष्णु से जुड़ी होती है. यह भाई को जीवन में संतुलन, धैर्य और स्थायित्व प्रदान करती है.
- तीसरी गांठ – शिव
- शिव को संहारक कहा गया है, लेकिन वे रक्षक भी हैं. यह गांठ भाई को दुर्भावनाओं, संकटों और दुर्भाग्य से रक्षा प्रदान करती है.
– मंत्रोच्चारण के साथ गांठ का महत्व
गांठ लगाते समय यदि बहन रक्षा मंत्र का उच्चारण करती है, तो रक्षा सूत्र केवल प्रतीकात्मक नहीं रहता, बल्कि वह एक संस्कारित सुरक्षा कवच बन जाता है, जिससे भाई को दैविक ऊर्जा मिलती है.
– गांठों में नारी शक्ति का आशीर्वाद
बहन द्वारा लगाई गई तीन गांठें स्त्री शक्ति (शक्ति, लक्ष्मी, सरस्वती) का आशीर्वाद मानी जाती हैं. ये गांठें भाई के जीवन में साहस, समृद्धि और विद्या को बनाए रखती हैं.
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इस वर्ष जब राखी बांधी जाए, तो बहन को शांत मन से रक्षा मंत्र के साथ तीन गांठें बांधनी चाहिए, और हर गांठ के साथ एक शुभ भावना या आशीर्वाद जोड़ना चाहिए. इससे राखी केवल परंपरा नहीं, बल्कि धर्म और ऊर्जा का बंधन बन जाती है.
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