रंग पंचमी की पूजा विधि
रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें और लोटे में जल भरकर रखें. इसके बाद गाय के घी का दीपक प्रज्वलित कर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पित करें. फिर आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का तीन माला जाप करें. लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो रंग एक-दूसरे को लगाते हैं और आसमान की ओर उड़ाते हैं तो देवी-देवता आकर्षित होकर अपनी कृपा बरसाते हैं.
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रंग पंचमी का महत्व
रंग पंचमी मुख्य रूप से पंच तत्व जैसे पृथ्वी, अग्नि, वायु, जल और आकाश को सक्रिय करने के लिए मनाई जाती है. धर्मिक मान्यता है कि रंगपंचमी पर पवित्र मन से पूजा पाठ करने पर देवी देवता स्वंय अपने भक्तों को आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं. इसके साथ ही इस दिन गुलाल, अबीर देवताओं को अर्पित करने पर कुंडली में मौजूद ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है. धार्मिक मान्यता है कि गुलाल जब हवा में उड़ता है और जो इसके संपर्क में आता है उसमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. शास्त्र के अनुसार तमोगुण और रजोगुण का नाश होता है और सतोगुण में वृद्धि होती है.
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