रंग पंचमी पर इन उपायों से पाएं सौभाग्य और सुख-समृद्धि

Rang Panchami 2025: रंग पंचमी का उत्सव हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है. यह पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को आता है. इस दिन यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो देवी-देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा प्रदान करते हैं. इसके अतिरिक्त, अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं. आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से रंग पंचमी के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं.

By Shaurya Punj | March 18, 2025 11:09 AM
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Rang Panchami 2025 Upay: हिंदू धर्म में रंग पंचमी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के बाद पांचवे दिन मनाया जाता है. इस दिन लोग रंगों के साथ खेलते हैं, लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी अत्यंत विशेष है. मान्यता है कि रंग पंचमी के अवसर पर देवी-देवता भी धरती पर आकर होली का आनंद लेते हैं, और इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने भी होली खेली थी. यह त्योहार विशेष रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन रंग खेलने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

रंग पंचमी शुभ मुहूर्त

इस वर्ष रंग पंचमी का उत्सव 19 मार्च 2025 को मनाया जाएगा. इसे होली महोत्सव का समापन भी माना जाता है. रंग पंचमी की तिथि 18 मार्च को रात 10 बजकर 09 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 20 मार्च को मध्यरात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर होगा.

होली के बाद अब इस दिन मनाई जाएगी रंग पंचमी

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है?

रंग पंचमी का पर्व होली से संबंधित है और इसे होली की तरह ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग रंग और गुलाल उड़ाकर अपनी खुशियों का इजहार करते हैं. कई स्थानों पर राधा रानी और श्रीकृष्ण को अबीर और गुलाल अर्पित करने की परंपरा भी है. इसके अतिरिक्त, इस अवसर पर भव्य शोभायात्राएं आयोजित की जाती हैं, और लोग एक-दूसरे पर रंग और अबीर डालकर उत्सव का आनंद लेते हैं, जैसे कि होली के दिन किया जाता है.

इस त्योहार के संबंध में यह मान्यता है कि जब वातावरण में रंग और अबीर बिखरते हैं, तो यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जो व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व और विचारधारा पर प्रभाव डालता है. इसके अतिरिक्त, यह भी माना जाता है कि रंग पंचमी के अवसर पर रंगों के द्वारा बुरे कर्मों और पापों का नाश होता है.

रंग पंचमी के विशेष उपाय

रंग पंचमी के अवसर पर, घर के उत्तर दिशा में कमल के फूल पर विराजमान लक्ष्मी नारायण के चित्र को स्थापित करें और एक लोटे में जल भरकर रखें. गाय के घी का दीपक जलाएं और लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पित करें. एक आसन पर बैठकर “ॐ श्रीं श्रीये नमः” मंत्र का तीन माला जाप करें. लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग अर्पित करें. जाप के पश्चात, पूजा में रखा जल पूरे घर में छिड़क दें. कुछ समय बाद, आपके घर में धन की वृद्धि अवश्य दिखाई देगी.

कमल के फूल पर लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर स्थापित करें

रंग पंचमी के अवसर पर घर में कमल के फूल पर लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर रखने से सुख और समृद्धि का संचार होता है. यह न केवल धन के आगमन का कारण बनता है, बल्कि परिवार में प्रेम और सहयोग को भी बढ़ावा देता है. यदि आप विवाह में देरी से चिंतित हैं, तो इस उपाय को अपनाने से अच्छे रिश्तों की संभावना बढ़ सकती है.

माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें

रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन उनका विधिपूर्वक पूजन करने से घर में धन की वृद्धि होती है और पारिवारिक संबंध भी मजबूत होते हैं. यह पूजा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है, जिन्हें विवाह में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. माता लक्ष्मी और विष्णु की कृपा से घर में सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में सामंजस्य स्थापित होता है.

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