रोहिणी व्रत की अहमियत
रोहिणी व्रत को इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि यह व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन आयोजित किया जाता है. यह व्रत विशेष रूप से रोहिणी और मार्गशीर्ष नक्षत्र के समय किया जाता है. रोहिणी व्रत करने से यह मान्यता है कि व्रती को कर्म बंधनों से छुटकारा मिलता है. यह व्रत विशेष लाभ प्रदान करता है. रोहिणी व्रत आत्मा के दोषों को समाप्त करने में सहायक होता है.
रोहिणी व्रत का शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास में रोहिणी व्रत को आज 17 नवंबर 2024, रविवार को रखा जा रहा है
रोहिणी व्रत प्रारंभ: 17 नवंबर 2024, सुबह 09:07 बजे
रोहिणी व्रत समाप्ति: 17 नवंबर 2024, सुबह 06:57 बजे
रोहिणी व्रत विधि
रोहिणी व्रत की पूजा विधि में सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करना आवश्यक है. इसके बाद दैनिक कार्यों को पूरा करके गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. फिर व्रत का संकल्प लें और भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. व्रत करने वाले को सूर्यास्त से पहले फलाहार करना चाहिए, क्योंकि रोहिणी व्रत में सूर्यास्त का विशेष महत्व है.