धरती उन पंच तत्वों में से एक है, जिनसे हमारी देह निर्मित है, ऐसा आध्यात्मिक मान्यतायें कहती हैं. शरीर में इस तत्व के असंतुलन से भौतिक संसाधनों की कमी हो जाती है. कर्ज सुरसा की तरह मुंह फाड़ कर जीवन अस्त-व्यस्त कर देती है. भाइयों से संबंध खराब हो जाते हैं. दोस्त दुश्मनों-सा आचरण करने लगते हैं. वास्तुदोष गृहसुख छीन कर जीवन छिन्न-भिन्न कर देता है.
संबंधित खबर
और खबरें