Sawan 2025 की शुरुआत में शिव भक्तों की भीड़, गूंजा हर-हर महादेव

Sawan 2025: सावन 2025 की शुरुआत भक्ति और श्रद्धा के माहौल में हुई. शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. हर तरफ 'हर-हर महादेव' के जयघोष गूंजते रहे. जलाभिषेक, पूजा-अर्चना और विशेष श्रृंगार के साथ भक्तों ने भोलेनाथ से सुख-समृद्धि की कामना की.

By Shaurya Punj | July 12, 2025 7:56 AM
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Sawan 2025: सावन के आरंभ पर राजधानी के प्रसिद्ध में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. भोर से अपराह्न चार बजे तक सैकड़ों श्रद्धालु पहाड़ी बाबा का जलाभिषेक कर सुख‑समृद्धि की कामना करते रहे. मंदिर विकास समिति सहित अन्य सामाजिक‑धार्मिक संगठनों ने मिलकर बाबा का भव्य श्रृंगार किया, भोग अर्पित किया और फिर वही प्रसाद भक्तों में वितरित किया.

नेटवर्क समस्या से स्कैन‑भक्त परेशान

मंदिर परिसर में इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर होने के कारण कई डिजिटल दक्षिणा (स्कैन कोड से चढ़ावा) नहीं दे सके. भक्तों और समिति के सदस्यों ने आग्रह किया कि इस तकनीकी समस्या के समाधान से सभी को सुविधा होगी.

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पूजा‑सामग्री से गुलजार बाजार

मुख्य प्रवेश द्वार से हरमू रोड, कमलाकांत रोड व सती मंदिर मार्ग तक पूजा‑सामग्री, खिलौने और नाश्ते की अस्थायी दुकानें सजी रहीं. दुकानदारों ने बताया कि उन्हें खास तौर पर सावन की पहली सोमवारी का इंतजार है, जब बिक्री चरम पर रहने की उम्मीद है.

माता रानी को हरे वस्त्रों का श्रंगार

सावन के पहले दिन कई देवी मंदिरों में माता रानी को हरे वस्त्र पहनाए गए और फूल‑मालाओं से दरबार को सुशोभित किया गया. घर‑घर में सात्विक भोजन तैयार कर श्रद्धालुओं ने मासिक व्रत‑अनुष्ठान की शुरुआत की.

पहाड़ी बाबा का दिव्य अभिषेक और आरती

दोपहर तीन बजे सरकारी पूजा प्रारंभ हुई. सबसे पहले बाबा को गंगाजल से स्नान कराया गया, फिर सुगंधित पुष्प, माला और भस्म से श्रृंगार हुआ. पंडित कबीर दास और आचार्य पिटू पांडेय ने विधिवत आरती कर “ॐ नमः शिवाय” के जयकारों के बीच विविध पकवानों का भोग लगाया. मंदिर‑समिति के सचिव उत्कर्ष कुमार और कोषाध्यक्ष कृष्ण कन्हैया ने भी विशेष पूजा‑अर्चना की. बाबा का दरबार मोगरा, बालरंग चिरौड़ा और अन्य सुगंधित पुष्पों से महका रहा.

राजधानी के शिवालयों में उमड़ा विश्वास

शहर के अन्य शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें रहीं. भक्तों ने जलाभिषेक कर भोलेनाथ से मंगलकारी वर्ष की प्रार्थना की तथा कई कांवड़‑यात्री पहाड़ी मंदिर से देवघर जाने के लिए रवाना हुए. मंदिर‑प्रबंधन ने जल, प्रसाद व शीतल पेय की उचित व्यवस्था कर श्रद्धालुओं की सेवा की.

पहाड़ी बाबा की अलौकिक छटा और भक्तों का अटूट विश्वास सावन माह की आध्यात्मिक ऊर्जा को और प्रखर कर गया.

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