Sawan Somvar 2025 के समय भोलेनाथ को नहीं चढ़ानी चाहिए ये 5 चीजें, पड़ता है गलत प्रभाव

Sawan Somvar : सावन सोमवार को की गई शिव पूजा अत्यंत फलदायक होती है, परंतु यदि अनजाने में भी उपर्युक्त वस्तुओं को शिवलिंग पर चढ़ा दिया जाए तो इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है.

By Ashi Goyal | June 16, 2025 10:23 PM
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Sawan Somvar : सावन मास शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र होता है. इस मास के प्रत्येक सोमवार को विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है. भक्तजन जल, बेलपत्र, दूध, धतूरा आदि चढ़ाकर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. परंतु शास्त्रों में कुछ ऐसी वस्तुओं का भी उल्लेख है, जो भूलवश भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए. ये चीजें भगवान शिव को अप्रिय मानी गई हैं और इनका पूजन में उपयोग करना न केवल पूजा को निष्फल कर देता है, बल्कि दुर्भाग्य का कारण भी बन सकता है :-

– केवड़ा का फूल

शिवपुराण के अनुसार केवड़ा के फूल को भगवान शिव ने श्रापित किया था, क्योंकि इसने ब्रह्मा जी के झूठ का समर्थन किया था. अतः यह फूल भोलेनाथ को नहीं चढ़ाना चाहिए. इसे चढ़ाने से पूजा में दोष लगता है और साधक की साधना विफल हो सकती है.

– तुलसी के पत्ते

जहां तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, वहीं शिवलिंग पर तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित माना गया है. शास्त्रों के अनुसार तुलसी माता का विवाह शंखचूड़ नामक असुर से हुआ था जो शिवभक्त था, इसलिए शिवजी ने तुलसी को अपने पूजन में वर्जित कर दिया.

– शंख से जल अर्पण करना

शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना एक गंभीर भूल मानी जाती है. शंख समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था और वह भगवान विष्णु का प्रतीक है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाने से पूजा में दोष लगता है और अशुभ फल की प्राप्ति होती है.

– कुमकुम या सिंदूर

कुमकुम या सिंदूर देवी की पूजा में उपयोग होता है, जबकि शिवलिंग पर इसे चढ़ाना वर्जित माना गया है. शिव एक तपस्वी और वैरागी हैं, अतः स्त्रियों के सौंदर्य प्रसाधन जैसे वस्तुओं से पूजा नहीं की जाती. इससे पूजा का प्रभाव नष्ट हो सकता है.

– टूटा या खंडित बेलपत्र

भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है, परंतु टूटा, सूखा या कीटों से खाया हुआ बेलपत्र अर्पित करना अशुभ माना जाता है. ऐसे बेलपत्र चढ़ाने से पूजा का फल नहीं मिलता और साधक को मानसिक एवं पारिवारिक कष्ट झेलने पड़ सकते हैं.

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सावन सोमवार को की गई शिव पूजा अत्यंत फलदायक होती है, परंतु यदि अनजाने में भी उपर्युक्त वस्तुओं को शिवलिंग पर चढ़ा दिया जाए तो इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए श्रद्धा के साथ-साथ शास्त्रीय ज्ञान भी आवश्यक है, ताकि भोलेनाथ की कृपा सहजता से प्राप्त हो सके.

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