Home Religion Sawan Somwar 2021: सावन का तीसरा सोमवार आज, शिव पूजा में न करें ये गलतियां, रखें इन बातों का ध्यान

Sawan Somwar 2021: सावन का तीसरा सोमवार आज, शिव पूजा में न करें ये गलतियां, रखें इन बातों का ध्यान

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Sawan Somwar 2021: सावन का तीसरा सोमवार आज, शिव पूजा में न करें ये गलतियां, रखें इन बातों का ध्यान

Sawan Somwar 2021: इस समय सावन का महीना चल रहा है. सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है. आज सावन मास का तीसरा सोमवार है. भगवान शिव इस दिन आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते है. लेकिन वहीं, आपकी एक छोटी सी अनजाने में की गई गलती उनको नाराज कर सकती है. इसलिए हर शिवभक्त को इससे सतर्क रहना चाहिए. शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्‍य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग धतुरा आदि. इसी तरह शिव पूजा में कई ऐसी चीजें होती हैं जो आपकी पूजा का फल देने की बजाय आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं…

सावन सोमवार व्रत विधि

भगवान शिव की पूजा की सामग्री

सावन मास की सोमवार को भगवान शिव की पूजा के दौरान फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.

इन बातों का रखें खास ख्याल

  • शंख भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं, लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था, इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है.

  • भगवान शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के अन्य कोई फूल प्रिय नहीं हैं. शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध माना गया है.

  • शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं लगाई जाती है.

  • शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. हल्दी का उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती.

  • नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए, क्योंकि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल का प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है. वहीं, भगवान शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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