Shani Jayanti 2025: इस साल शनि देव की जयंती बेहद खास बन गई है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मंगलवार को पड़ रही यह तिथि ग्रहों की दुर्लभ युति बना रही है. मान्यता है कि ऐसा योग शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने और विशेष रूप से साढ़े साती से राहत दिलाने में बेहद असरदार होता है. अगर आप भी शनि दोष से परेशान हैं या जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं, तो इस दिन कुछ विशेष उपाय जरूर करने चाहिए.
शनि और भैरव मंदिर में दीप जलाएं
शनि जयंती की रात शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही, किसी भैरव मंदिर में भी तेल का दीप जलाएं. मंगलवार के दिन पड़ने वाली यह शनि जयंती इस उपाय को और भी प्रभावशाली बना देती है. भैरव बाबा की उपासना से शनि के क्रूर प्रभाव शांत होते हैं.
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पीपल के पेड़ के नीचे दीपक और शनि स्तोत्र
अगर आप साढ़े साती या शनि की ढैय्या से गुजर रहे हैं तो इस रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. साथ ही शनि स्तोत्र का पाठ करें. यह उपाय मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानी और जीवन में आ रही रुकावटों को दूर करने में मददगार माना जाता है.
हनुमान जी की पूजा करें
मान्यता है कि जो भक्त नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा करते हैं, उन्हें शनि देव कभी परेशान नहीं करते. शनि जयंती के दिन हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीप जलाकर सुंदरकांड का पाठ करें. यह उपाय शनि दोष से रक्षा करता है और आत्मबल बढ़ाता है.
पितरों के लिए दीपदान
ज्येष्ठ अमावस्या पर दीपदान का विशेष महत्व होता है. शनि जयंती की रात किसी नदी, तालाब या सरोवर में दीप प्रवाहित करें. पितरों को समर्पित यह दीपदान उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का सरल तरीका है. कहा जाता है कि इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के घी का दीपक जलाएं. इससे न केवल शनि देव प्रसन्न होते हैं, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. यह उपाय घर में धन और समृद्धि लाने वाला माना जाता है.
घर के मंदिर के ईशान कोण में दीप जलाएं
घर के मंदिर या पूजा स्थान के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में एक दीपक ज़रूर जलाएं. ज्योतिष के अनुसार, यह दिशा देवताओं की मानी जाती है और यहां दीप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति बनी रहती है.
शनि जयंती पर ये उपाय न केवल शनि के अशुभ प्रभावों को शांत करते हैं, बल्कि जीवन में संतुलन, सफलता और सुख की राह भी खोलते हैं. खासतौर पर जब यह तिथि मंगलवार और अमावस्या के साथ जुड़ जाए, तो इसका महत्व और बढ़ जाता है. आप भी इस खास दिन इन उपायों को अपनाएं और शनि देव की कृपा प्राप्त करें.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
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