– पूर्वजों या आत्माओं का संदेश
स्वप्न में यदि कोई अनजान आत्मा या पूर्वज दिखाई देते हैं, तो यह संकेत होता है कि वे कुछ कहना चाहते हैं. धर्मग्रंथों में माना गया है कि पितृ आत्माएं स्वप्न के माध्यम से हमसे संवाद करती हैं, खासकर यदि उन्हें तर्पण या श्राद्ध से संतोष नहीं मिला हो. ऐसे सपनों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत किसी योग्य ब्राह्मण से परामर्श लेकर उचित धार्मिक उपाय करने चाहिए.
– अशुद्ध वातावरण या दोष का संकेत
स्वप्न में भूत-प्रेत या नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव इस बात का सूचक हो सकता है कि आपके घर में वास्तु दोष, पितृ दोष या ग्रहदोष विद्यमान है. धर्म के अनुसार, ऐसे संकेत मिलते ही घर की शुद्धि, हवन, या विशेष पूजा करनी चाहिए जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके और सकारात्मकता बनी रहे.
– आध्यात्मिक चेतावनी और आत्मसुधार का संदेश
कभी-कभी असाधारण सपने हमें यह बताते हैं कि हम अपने धर्मपथ से भटक गए हैं या किसी पाप में संलग्न हैं. ऐसे सपनों को चेतावनी के रूप में देखा जाता है. यह समय होता है आत्ममंथन का, आत्मशुद्धि का। इसके लिए जप, तप, ध्यान और धार्मिक आचरण अपनाना चाहिए.
– किसी आने वाली घटना का पूर्वाभास
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, कुछ पैरानॉर्मल गतिविधियां भविष्य की किसी महत्वपूर्ण या संकटमय घटना का संकेत देती हैं. जैसे कोई आत्मा यदि डरावनी अवस्था में दिख रही हो, तो यह परिवार में किसी संकट या बीमारी का पूर्व संकेत हो सकता है. ऐसे में सतर्क रहकर धार्मिक उपाय, जैसे हनुमान चालीसा का पाठ या महामृत्युंजय जाप करना लाभकारी होता है.
– विशेष दिव्य संकेत या सिद्धि का प्रारंभ
हर पैरानॉर्मल सपना नकारात्मक नहीं होता. कुछ स्वप्नों में दिव्य शक्तियों का अनुभव या किसी अज्ञात देवता या ऋषि का दर्शन होना इस बात का सूचक हो सकता है कि व्यक्ति की आध्यात्मिक प्रगति हो रही है या किसी सिद्धि की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में स्वच्छ और सात्विक जीवन शैली अपनाकर साधना में मन लगाना चाहिए.
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स्वप्नों में होने वाली असाधारण गतिविधियां केवल डर या भ्रम नहीं, बल्कि गहरे आध्यात्मिक संकेत होते हैं. इन्हें समझकर यदि हम धर्म और आत्मचिंतन का मार्ग अपनाएं, तो यह जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने का साधन बन सकते हैं. स्वप्न शास्त्र हमें यही सिखाता है कि हर स्वप्न में ईश्वर का कोई न कोई संकेत अवश्य होता है.