Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी पर भगवान पर जरूर अर्पित करें एकाक्षी नारियल

Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी माता का प्रकट होना हुआ था. इसी कारण इसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह मान्यता है कि यदि एकादशी व्रत का आरंभ करना हो, तो इस दिन से आरंभ करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है.

By Shaurya Punj | November 23, 2024 8:15 AM
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Utpanna Ekadashi 2024:  उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है. इस दिन माता एकादशी का अवतरण हुआ था, इसलिए माता एकादशी की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि माता एकादशी भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट हुई थीं, जिससे उन्हें भगवान विष्णु की पुत्री के रूप में भी देखा जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल चढ़ाने का क्या कारण है और इसका महत्व क्या है.

क्या है एकाक्षी नारियल

एकाक्षी नारियल एक अनोखा प्रकार का नारियल है, जिसमें केवल एक आंख या छिद्र होता है. इसके विपरीत, सामान्य नारियल में तीन आंखें होती हैं. इसे धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकाक्षी नारियल में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का निवास होता है. इसे चढ़ाने या अपने घर में रखने से धन, संपत्ति, सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. यह वास्तु दोषों को दूर करने और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में भी सहायक होता है.

एकाक्षी नारियल का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकाक्षी नारियल को माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. इसे भगवान विष्णु का प्रिय फल माना गया है, जो स्वयं इस फल को पृथ्वी पर लेकर आए थे. शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल अर्पित करता है, तो उसके जीवन में धन की कमी नहीं होती और उसे सुख, संपत्ति तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. यह उपाय व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ वास्तु दोष से मुक्ति दिलाने में भी सहायक है. भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल चढ़ाने से परिवार में शांति और समृद्धि बनी रहती है.

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