Vaishakh Month 2024 में बन रहे कई दुर्लभ योग, अक्षय तृतीया, जानकी नवमी समेत होंगे कई व्रत-त्योहार

vaishakh month 2024 vrat tyohar: इस बार वैशाख का महीना 24 अप्रैल से लेकर 23 मई तक रहने वाला है. जानें इस माह के व्रत त्योहार

By Shaurya Punj | April 24, 2024 5:39 PM
an image

Vaishakh Month 2024 : सनातन धर्म में वैशाख मास को अतिपुण्यकारी माना गया है. स्कंदपुराण के अनुसार वैशाख मास सभी मास में उत्तम मास है. यह मास वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल यानी बुधवार से शुरू हो रहा है, जो वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 23 मई को खत्म होगा. इस मास में हिंदुओं के कई अहम व्रत-त्योहार होंगे. इनमें अक्षय तृतीया, जानकी नवमी, मोहिनी एकादशी, बुद्ध पूर्णिमा प्रमुख है.

वैशाख मास धर्म, यज्ञ, क्रिया एवं व्यवस्था सार के साथ मनोकामना सिद्ध करने वाला मास होता है. यह मास विशेष रूप से संयम, अहिंसा, अध्यात्म, स्वाध्याय व सेवा का मास है. वैशाख मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है. श्रीहरि विष्णु को यह मास अत्यंत प्रिय है. ऋतु परिवर्तन की वजह से सूर्य की तपन बढ़ जाती है. इसीलिए इस मास में जल-दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इस मास का महत्व

मनोकामना सिद्धि: वैशाख मास मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जाना जाता है. इस मास में किए गए दान, व्रत और पूजा-पाठ अत्यंत फलदायी होते हैं.

अध्यात्म और आत्मिकता: वैशाख मास संयम, अहिंसा, अध्यात्म और स्वाध्याय का मास है. इस मास में आध्यात्मिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने से आत्मिक उन्नति होती है.

देवताओं का आशीर्वाद: वैशाख मास समस्त देवताओं द्वारा पूजित माना जाता है. इस मास में देवताओं की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.

देवताओं का आशीर्वाद: वैशाख मास समस्त देवताओं द्वारा पूजित माना जाता है. इस मास में देवताओं की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.

ऋतु परिवर्तन: वैशाख मास में ऋतु परिवर्तन होता है और सूर्य की तपन बढ़ जाती है. इस मास में जलदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Gajlakshmi Rajyoga 2024: दुर्लभ “गजलक्ष्मी राजयोग” का बन रहा है महायोग, धनु, तुला और सिंह राशि के लोगों पर होगी धन वर्षा

इस मास में बन रहे कई दुर्लभ योग

वैशाख मास में इस बार कई दुर्लभ योग बन रहे है, जिसमें दो सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग, दो त्रिपुष्कर योग, आठ सर्वार्थ सिद्धि योग, बारह रवियोग, छह सिद्धयोग, नौ जयद योग एवं एक द्विपुष्कर योग का संयोग बन रहा है. इस योग में शुभ कार्य, नए व्यवसाय का आरंभ, बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदी, भूमि-भवन, आभूषण, रत्न, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान लेना उत्तम होता है.

अक्षय तृतीया कब है?

वैशाख शुक्ल द्वितीय उपरांत तृतीया 10 मई शुक्रवार को ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जायेगा.इस दिन दोपहर 12:32 बजे तक रोहिणी नक्षत्र उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र रहेगा. इसके साथ ही अक्षय तृतीया के दिन रवियोग का सुयोग भी रहेगा. इस तिथि पर किया गया स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, शुभ कार्य आदि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं. अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण, रजत, धातु, रत्न व अन्य शुभ वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व होता है.

जानकी नवमी कब है?

वैशाख शुक्ल नवमी 17 मई को पूर्वा फाल्गुन नक्षत्र व रवियोग के शुभकारी संयोग में जानकी नवमी का त्योहार मनायी जायेगी. जनक नंदिनी माता सीता का प्राकट्योत्सव पूरे देश में विशेषकर मिथिला में धूमधाम से मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख शुक्ल पूर्णिमा गुरुवार 23 मई को विशाखा नक्षत्र व परिघ योग में मनेगी. इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, जयद् योग एवं सिद्ध योग का पुण्यकारी संयोग बन रहा है.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version