Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025 के दिन गणपति की कृपा से दूर होंगे सारे संकट, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है. माताएं इस व्रत को संतान की प्राप्ति और उनकी लंबी उम्र के लिए करती हैं. आइए हम विनायक चतुर्थी पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और व्रत पारण की सही विधि के बारे में जानते हैं.
By Shaurya Punj | April 30, 2025 3:20 PM
Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को दूर करने वाले देवता माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनसे ही होती है. ऐसी मान्यता है कि यदि सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा की जाए, तो जीवन में आ रही परेशानियां, रुकावटें और संकट खुद-ब-खुद दूर हो जाते हैं. वैशाख महीने में आने वाली विनायक चतुर्थी का खास महत्व होता है. इस दिन श्रद्धा और भक्ति से गणेशजी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है.
विनायक चतुर्थी 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ: 30 अप्रैल 2025, दोपहर 2:12 बजे तिथि समाप्त: 1 मई 2025, सुबह 11:23 बजे उदयातिथि अनुसार पर्व मनाया जाएगा: 1 मई 2025, गुरुवार
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
व्रत का संकल्प लें और घर के मंदिर या स्वच्छ स्थान पर एक लकड़ी की चौकी पर हरे रंग का कपड़ा बिछाएं.
उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
फिर दीप जलाएं और गंगाजल से गणेशजी का अभिषेक करें.
उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल, सिंदूर, धूप अर्पित करें.
“ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें और गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करें.
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
दिनभर सात्विकता बनाए रखें – विचार, वाणी और आचरण में पवित्रता हो.
नकारात्मक सोच से दूर रहें.
जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या अन्य जरूरी सामान का दान करें.
क्या होता है इस दिन पूजा का फल?
इस दिन विधिवत पूजा और व्रत करने से भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं. उनके आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं, धन-धान्य की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.