Sri Varaha Lakshmi Narasimha temple: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में स्थित श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर अपनी दिव्यता, शांति और सुंदरता से भक्तों का मन मोह लेता है. यह भव्य मंदिर समुद्र तल से लगभग 300 मीटर की ऊंचाई पर सिंहाचलम पर्वत पर स्थित है, और इसी कारण इसे स्थानीय लोग “सिंहाचलम मंदिर” के नाम से भी जानते हैं.
मंदिर की विशेषताएं
हरे-भरे प्राकृतिक परिवेश में स्थित यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है. यहां की व्यवस्था अत्यंत सुव्यवस्थित है, जिससे भक्तों को दर्शन और पूजा में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती. सामान्य दर्शन के लिए एक अलग कतार निर्धारित है, जिससे नि:शुल्क प्रवेश होता है.
वहीं, वीआईपी दर्शन के लिए 300 रुपये प्रति व्यक्ति का टिकट उपलब्ध होता है. यह टिकट अलग काउंटर से प्राप्त किया जा सकता है, जिससे श्रद्धालु कम दूरी तय कर सीधे मंदिर के गर्भगृह तक आसानी से पहुंच सकते हैं. हालांकि, सामान्य कतार से आने वाले भक्तों को थोड़ी दूरी से भगवान के दर्शन का अवसर मिलता है.
भगवान का स्वरूप और अनूठी परंपरा
मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु नरसिम्हा अवतार में विराजमान हैं. उनकी मूर्ति शिवलिंग के समान दिखाई देती है, क्योंकि उन पर चंदन का लेप चढ़ाया जाता है. यह चंदन हर वर्ष अक्षय तृतीया के दिन हटाया जाता है, जब भक्त भगवान के मूल रूप के दर्शन करते हैं, फिर से चंदन का लेप कर दिया जाता है.
कैसे पहुंचें?
विशाखापत्तनम एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 16 किलोमीटर, और रेलवे स्टेशन से 19 किलोमीटर है. श्रद्धालु सरकारी बस, ऑटो या निजी वाहन के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं. पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक सरकारी बस सेवा भी उपलब्ध है, जिसका किराया मात्र 15 रुपये प्रति व्यक्ति (एक तरफ) है. निजी वाहन आमतौर पर 50 रुपये प्रति व्यक्ति तक लेते हैं.
पूजन सामग्री और प्रसाद
यहां भगवान को विशेष रूप से तुलसी की माला चढ़ाई जाती है, जिसकी कीमत 30 से 50 रुपये तक होती है. वहीं, फूल और श्रृंगार का सामान मंदिर परिसर में मौजूद मां लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है. प्रसाद के रूप में मिलने वाला लड्डू मात्र 15 रुपये में उपलब्ध है.