Vastu Dosh Upay: वर्तमान में संपत्ति विवाद एक सामान्य समस्या बन गई है, खासकर संयुक्त परिवारों में. इन मामलों में कानूनी प्रक्रिया आवश्यक है, लेकिन यदि साथ में वास्तु शास्त्र के कुछ सरल और सकारात्मक उपायों को अपनाया जाए, तो विवादों का समाधान जल्दी हो सकता है और घर में शांति बनी रह सकती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दिशाएं, ऊर्जा का प्रवाह और वातावरण का संतुलन हमारे रिश्तों और मानसिक स्थिति पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं. संपत्ति विवादों को सुलझाने के लिए सबसे पहले घर की उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को स्वच्छ और हल्का रखना चाहिए. यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र मानी जाती है. इस स्थान पर नियमित रूप से गंगाजल का छिड़काव करें और सफेद या पीले फूल अर्पित करें.
राशि अनुसार रखें पर्स में ये खास चीज, दूर होंगी परेशानियां
यदि संपत्ति से संबंधित विवाद पितृपक्ष या वंशजों से जुड़ा हुआ है, तो दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीर स्थापित करें और प्रतिदिन दीप जलाएं. इससे पितरों की कृपा बनी रहती है और विवाद में शांति आने लगती है.
मुख्य द्वार पर हर मंगलवार और शनिवार को स्वस्तिक, ॐ और शुभ-लाभ के चिन्ह बनाना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और परिवार में सामंजस्य बढ़ता है.
घर में तुलसी का पौधा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं और उसे प्रतिदिन जल दें. तुलसी न केवल वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि घर में शांति और समृद्धि भी लाती है.
संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों को दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित तिजोरी या अलमारी में लाल कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रखें. यह उपाय मंगल और शनि के दोषों को कम करने में सहायक होता है, जो अक्सर भूमि और संपत्ति से जुड़े विवादों का कारण बनते हैं.
प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि मंत्र का जाप करें.
इन उपायों को श्रद्धा और नियमितता के साथ करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है, और संपत्ति विवादों के समाधान की दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
Rakshabandhan 2025: राखी बंधवाते समय भाई को किस दिशा में बैठाना शुभ, रक्षाबंधन पर अपनाएं ये वास्तु टिप्स
Sawan Pradosh Vrat 2025: श्रावण मास का अंतिम प्रदोष व्रत आज, इस विधि से करें पूजा
Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर इस बार 95 सालों बाद बन रहा है दुर्लभ योग, मिलेगा दोगुना फल
Aaj Ka Panchang: आज 6 अगस्त 2025 का ये है पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और अशुभ समय की पूरी जानकारी