– नाली में गर्म जल फेंकना देवी लक्ष्मी का अपमान है
वास्तु शास्त्र के अनुसार जल को जीवन का आधार और पवित्र तत्व माना गया है. गर्म जल जब नाली में फेंका जाता है, तो वह भूमि देवता और जल देवता दोनों का अपमान करता है. यह अपवित्र क्रिया मानी जाती है, जिससे देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और घर में दरिद्रता का वास होता है.
– रसोई का अपवित्रीकरण होता है
रसोई वह स्थान है जहां देवी अन्नपूर्णा निवास करती हैं. जब गर्म पानी नाली में बहाया जाता है, तो रसोई की ऊर्जा विकृत हो जाती है. इससे नेगेटिव शक्तियों का प्रभाव बढ़ता है और घर के सदस्यों का स्वास्थ्य और समृद्धि प्रभावित होती है.
– घर में कलह और अशांति का कारण बनता है
वास्तु दोष के अनुसार, गर्म जल को नाली में फेंकने से गृह कलह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. पति-पत्नी के बीच मतभेद, संतान में अवज्ञा और परिवार के सदस्यों के बीच कटुता जन्म ले सकती है.
– देवी लक्ष्मी स्थायी रूप से नहीं टिकतीं
ऐसा कहा गया है कि जहां पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा नहीं होती, वहां मां लक्ष्मी ठहरती नहीं हैं. नाली में गर्म जल फेंकना घर के वातावरण को दूषित करता है, जिससे लक्ष्मी जी रुष्ट होकर उस स्थान को छोड़ देती हैं.
– आध्यात्मिक दृष्टि से दोषपूर्ण कर्म
धार्मिक दृष्टि से हर कर्म का फल होता है. नाली में उबलता पानी बहाने से न केवल वातावरण दूषित होता है, बल्कि यह शुद्धि के स्थान को अशुद्ध करने जैसा पाप है. इससे मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी और रोगों का प्रवेश होता है.
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रसोईघर में गर्म पानी को ठंडा करके या पौधों की सिंचाई में उपयोग करें. इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है. वास्तु नियमों का पालन कर जीवन में सुख-शांति और समृद्धि को आमंत्रित करें.