Vijaya Ekadashi 2024: इस बार विजया एकादशी 7 और 8 मार्च दो दिन रहेगी। एकादशी तिथि प्रारंभ 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से होगा जो कि 7 मार्च को सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी. गृहस्थजन 6 मार्च को और संतजन 7 मार्च को जया एकादशी का व्रत रखेंगे.
विजया एकादशी का महत्व
विजया एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में सबसे उत्तम माना जाता है.
यह व्रत पापों का नाश करता है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है.
विजया एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और कार्यों में सफलता मिलती है.
यह व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है.
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विजया एकादशी की पूजा विधि
दशमी तिथि की रात को सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें.
एकादशी तिथि की सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें.
स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को साफ करें.
भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें और दीप प्रज्वलित करें.
भगवान विष्णु को फल, फूल, मिठाई और दीप अर्पित करें.
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
आरती करें और प्रसाद वितरित करें.
द्वादशी तिथि की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उपवास खोलें.
विजया एकादशी की व्रत कथा
त्रेता युग में भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए विजया एकादशी का व्रत रखा था. भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त की और माता सीता को रावण के बंधन से मुक्त कराया.
विजया एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और कार्यों में सफलता मिलती है. यदि आप पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति चाहते हैं तो विजया एकादशी का व्रत अवश्य रखें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
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