Yogini Ekadashi 2025 पर भद्रा का साया, जानें किस समय करें पूजा

Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी के दिन पूजा से पहले भद्रा काल का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में शुभ फल पाने के लिए पूजा और व्रत की शुरुआत भद्रा समाप्त होने के बाद ही करें.

By Shaurya Punj | June 20, 2025 11:27 AM
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Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है. यह व्रत हर महीने दो बार—एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में रखा जाता है. इस प्रकार वर्षभर में कुल 24 एकादशी आती हैं, जबकि अधिकमास पड़ने पर इनकी संख्या 26 हो जाती है. धार्मिक मान्यता है कि हर एकादशी अपने नाम और गुणों के अनुसार व्रती को फल देती है. इन व्रतों के प्रभाव से व्यक्ति को सांसारिक सुख, समृद्धि और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इस वर्ष आषाढ़ महीने की योगिनी एकादशी को लेकर भक्तों में तिथि और मुहूर्त को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में हम यहां आपको योगिनी एकादशी की सटीक तिथि, पूजा विधि, पारण का समय और भद्रा काल से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं, ताकि आप व्रत को विधिपूर्वक कर सकें और इसका पुण्य लाभ प्राप्त कर सकें.

योगिनी एकादशी के दिन भद्रा काल का साया

हिंदू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी के दिन भद्रा काल का प्रभाव सुबह 5 बजकर 24 मिनट से लेकर 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस अवधि में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए, क्योंकि भद्रा को अशुभ काल माना गया है.

व्रत, पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत भद्रा समाप्त होने के बाद करना अधिक फलदायी होता है. ऐसे में व्रती 7:18 AM के बाद ही भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत की विधियां आरंभ करें.

कब है योगिनी एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी तिथि की शुरुआत 21 जून 2025 को सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर हो रही है, और इसका समापन 22 जून 2025 को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर होगा.

हालांकि, 21 जून को एकादशी तिथि का क्षय होने के कारण व्रत इसी दिन यानी 21 जून को रखा जाएगा. शास्त्रों के अनुसार, क्षय वाली एकादशी पर ही व्रत करना पुण्यकारी होता है. इस दिन विधिवत व्रत, उपवास और भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

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