गेंद पर लार के इस्तेमाल करने को लेकर दिग्गज खिलाड़ियों के बाद अब डेविड वार्नर ने भी रखी अपनी राय

डेविड वार्नर को नहीं लगता कि जब कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद दुनिया में क्रिकेट बहाल होगा तो गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को रोकने की जरूरत होगी.

By Sameer Oraon | April 30, 2020 5:42 PM
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ऑस्ट्रेलिया के स्टार सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर को नहीं लगता कि जब कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद दुनिया में क्रिकेट बहाल होगा तो गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को रोकने की जरूरत होगी. उन्हें लगता है कि यह साथी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने से कम या ज्यादा जोखिम भरा नहीं है. ऐसी अटकलें हैं कि संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल को रोक दिया जायेगा.

वार्नर ने ‘क्रिकेट डॉट काम डॉट एयू’ से कहा, ‘‘आप ड्रेसिंग रूम साझा कर रहे हो और इसके अलावा भी आप सब चीजें साझा करते हो तो मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने की जरूरत क्यों है. ” उन्होंने कहा, ‘‘यह सब सैकड़ों वर्षों से चल रहा है, मुझे याद नहीं कि ऐसा करने से कोई बीमार हुआ हो. अगर आपको संक्रमित होना है तो आप हो ही जाएंगे. जरूरी नहीं कि यह सिर्फ इसी से हो. ” वार्नर ने कहा, ‘‘मैं हालांकि इसे लेकर ज्यादा सुनिश्चित भी नहीं हूं लेकिन यह टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है कि गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं.

यह आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और संचालन संस्थाओं का काम है कि वे फैसला करें. ” हालांकि पूर्व तेज गेंदबाज शॉन टैट मानते हैं कि बदलाव को स्वीकार करना अहम है और थूक का इस्तेमाल पुरानी बात हो सकती है. टैट ने कहा, ‘‘मैं गेंद पर लार लगाने के हक में नहीं हूं, यह अच्छा नहीं है. हमें संभावित बदलावों को स्वीकार करना चाहिए. ”

आपको बता दें कि लार के इस्तेमाल को लेकर सभी खिलाड़ियों की अलग अलग राय है. इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इसे लेकर अलग अलग राय ऱखी. वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज माइकल होल्डिंग का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण गेंद से छेड़छाड़ के लिए कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल को वैध बनाना ‘विरोधाभासी’ है जबकि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महान गेंदबाज एलन डोनाल्ड ने इस पहल का समर्थन किया. पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच और पूर्व दिग्गज वकार युनूस ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए लार और पसीने का विकल्प कुछ और नहीं हो सकता.

जबकि भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा और स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि गेंद को चमकाने के लिए थूक का इस्तेमाल ‘जरूरी’ है. पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा हालांकि इस विचार से सहमत हैं लेकिन वह जानना चाहते हैं कि सीमा कहां तक होगी.

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